प्रीमियम नहीं दे सके, फिर भी बची रहेगी बीमा पॉलिसी, जानिए क्या है रिवाइवल का तरीका
जब आप प्रीमियम जमा कराएंगे तो जितने भी प्रीमियम बचे होंगे उतने प्रीमियम का पैसा ब्याज के साथ जमा कराना होगा। ब्याज के साथ पॉलिसी दोबारा शुरू कराने के लिए कुछ जुर्माना भी देना होगा।

आपने कोई इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है। आप समय पर उसका प्रीमियम नहीं दे पाए और पॉलिसी लैप्स हो गई है। आप चाहें तो अपनी पॉलिसी को रिन्यू करा सकते हैं। मतलब आप अपनी पॉलिसी को दोबारा चालू करा सकते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कि लैप्स हुई पॉलिसी को दोबारा कैसे चालू कराया जा सकता है। इसके लिए आपको सबसे पहले उस इंश्योरेंस कंपनी की ब्रांच में जाना होगा जिस कंपनी की आपकी पॉलिसी है। कई बार ऐसा भी होता है कि कंपनियां लैप्स हुई पॉलिसीज को चालू कराने का ऑफर भी निकालती हैं। बंद पॉलिसी को दोबारा चालू कराने के लिए कंपनी की कुछ शर्तें भी होती हैं। किसी भी बंद हुई पॉलिसी को चालू कराने का एक निश्चित समय होता है अगर उतने दिन के अंदर नहीं कराते हैं तो पॉलिसी कभी चालू नहीं होगी।
सबसे पहले इंश्योरेंस कंपनी की ब्रांच में जाकर आपको रिवाइवल कोट लेना होगा। इसका मतलब होता है कि आपने अपनी पॉलिसी के कितने प्रीमियम नहीं दिए हैं। जब आप इसे लेंगे तो आपको बताया जाएगा कि इसे चालू कराने के लिए कुल कितने रुपए देने होंगे। इसके अलावा आपको अपना हेल्थ सर्टिफिकेट भी देना होगा। इस दौरान अगर पॉलिसी धारक की कोई मेडिकल जांच हुई है तो उसकी रिपोर्ट भी जमा करानी पड़ेगी।
जब आप प्रीमियम जमा कराएंगे तो जितने भी प्रीमियम बचे होंगे उतने प्रीमियम ब्याज के साथ जमा कराने होंगे। ब्याज के साथ-साथ पॉलिसी दोबारा शुरू कराने के लिए कुछ जुर्माना भी देना होगा। यह जुर्माना इंश्योरेंस कंपनी द्वारा निर्धारित किया जाता है। जुर्माना इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने पॉलिसी का प्रीमियन कितना लेट दे रहे हैं, और आपकी पॉलिसी किस प्रकार की है। अगर कंपनी अपनी तरफ से पॉलिसी रिवाइवल स्कीम निकालती है तो उसमें पॉलिसी धारक को बंद पड़ी पॉलिसी को चालू कराने में कुछ छूट मिल सकती है। यह छूट पॉलिसी के बचे प्रीमियम के ब्याज और कंपनी द्वारा लगाए जाने वाले जुर्माने में मिल सकती है।