वहीं, बजट प्रावधानों से रियल एस्टेट क्षेत्र में किसी तरह की तेजी आने की संभावना को भवन निर्माताओं ने नकार दिया है। वहीं लाखों की संख्या में इस क्षेत्र में आशियाने की बरसों से जद्दोजहद कर रहे घर खरीदारों ने बजट को निराशाजनक करार दिया है। उनके अधूरे आशियानों को पूरा कराने और रजिस्ट्री कराने की पुरानी मांग पर कोई सार्थक पहल नहीं हुई है।
वे जहां खड़े थे, वहां या उससे भी नीचे जाने जैसा महसूस कर रहे हैं। दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 फीसद की वृद्धि के ऐलान का फायदा इस क्षेत्र को मिलने की बेहद कम उम्मीद है क्योंकि इस श्रेणी के खरीदार ज्यादातर असंगठित क्षेत्र से हैं और ऐसी कीमत वाले आवास यहां पर न के बराबर हैं।
‘भवन निर्माण क्षेत्र में मांग बढ़ेगी’
बजट को जुड़ाव के लिए बेहतर ढांचागत विकास पर केंद्रित किया गया है। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ेगी, खासकर किफायती आवास क्षेत्र में। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली बार घर खरीदारों को ब्याज में सबसिडी जारी रखी गई है, इससे किफायती आवास के विकास में मदद मिलेगी।
कोविड के तुरंत बाद इस पर असर पड़ा था। बाजार को मिलने वाले इस प्रोत्साहन से निर्माताओं को भुगतान हासिल करने में, नगदी के प्रवाह में और समय पर परियोजनाएं पूरे करने में मदद मिलेगी।
-मनप्रीत सिंह चड्ढा, अध्यक्ष वेव समूह