सरकारी कर्ज में डूबी टेलीकॉम सेक्टर की कंपनी वोडाफोन आइडिया में सरकार हिस्सेदारी खरीदने के लिए तैयार है। एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, कंपनी के शेयर की कीमत 10 रुपये या उससे अधिक पर स्थिर होने के बाद सरकार हिस्सेदारी लेगी। वहीं Vodafone Idea (VIL) के बोर्ड ने सरकार को 10 रुपए प्रति शेयर पर हिस्सेदारी की पेशकश की है।
एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि “सेबी का एक मानदंड है कि खरीदारी सेम प्राइज पर होना चाहिए। Vodafone Idea (VIL) के शेयरों के 10 रुपए या उससे अधिक पर स्थिर होने के बाद डीओटी हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी देगा।” गौरतलब है कि VIL के शेयर 19 अप्रैल से 10 रुपए के नीचे कारोबार कर रहे हैं।
गुरुवार को बीएसई पर शेयर 1.02 फीसदी की गिरावट के साथ 9.68 रुपए पर कारोबार कर रहे थे। वित्त मंत्रालय ने जुलाई में वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि सरकार वीआईएल में कितने प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदेगी।
कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया (VIL) ने लगभग 16,000 करोड़ रुपए की ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है, जो कंपनी में लगभग 33 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि प्रमोटरों की हिस्सेदारी 74.99 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक कम हो जाएगी।
सरकार ने स्पेक्ट्रम की किस्त और एजीआर के बकाया अमाउंट पर ब्याज दर चार साल में चुकाने का विकल्प पेश किया है। साथ ही सरकार ने ब्याज की रकम को शेयरों में बदलने का भी विकल्प दिया है।
30 सितंबर, 2021 तक कंपनी का कुल ग्रॉस लोन, लीज देनदारियों और बकाया को छोड़कर और ब्याज सहित 1,94,780 करोड़ रुपए था। इस राशि में 1,08,610 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्व, 63,400 करोड़ रुपए की एजीआर शामिल है, जो 11 जनवरी, 2022 तक बैंकों और वित्तीय संस्थानों के 22,770 करोड़ रुपए के कर्ज है। वहीं अप्रैल-जून 2022 तिमाही के अंत में वीआईएल का कुल ग्रॉस लोन 1,99,080 करोड़ रुपए था।