नरेंद्र मोदी सरकार ने उठाया कदम, देशभर में 4 अक्टूबर से सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल
नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में दो रुपए प्रति लीटर की कटौती की है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की मंगलवार को कटौती की। ईंधन की कीमतों में पिछले तीन महीने से वृद्धि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्रालय ने ट्विटर के जरिये दी जानकारी में कहा, ‘भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल (ब्रांडेड और बिना ब्रांड वाले) पर मूल उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर कटौती की है। उत्पाद शुल्क में यह कटौती चार अक्तूबर से प्रभावी हो जाएगी।’ उत्पाद शुल्क में कटौती के बराबर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बुधवार से घट जाएंगी। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 70.88 रुपये प्रति लीटर है वहीं डीजल की कीमत 59.14 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोल पर सरकार अभी कुल 21.48 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगाती है जबकि डीजल के मामले में यह 17.33 रुपये प्रति लीटर है।
साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने से करीब 26 हजार करोड़ रुपए का रैवन्यू में घाटा होगा। जिसे सरकार सहन करेगी। लेकिन आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, ‘सरकार के इस कदम से पूरे वित्त वर्ष में करीब 26 हजार करोड़ रुपए का रैवन्यू में घाटा होगा, जबकि मौजूदा बचे वित्त वर्ष में इससे 13 हजार करोड़ रुपए का घाटा होगा। भारत सरकार ने यह फैसला आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है।’ बता दें, मोदी सरकार का यह फैसला उस वक्त आया है जब देश के लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल की कीमत 70 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है। वहीं डीजल की कीमत करीब 60 रुपए प्रति लीटर है।
Govt of India has reduced Basic Excise Duty rate on Petrol & Diesel [both branded and unbranded] by Rs. 2 per litre w.e.f. 4th October,2017
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) October 3, 2017
This has been done to cushion the impact of rising international prices of crude petroleum oil & petrol & diesel on their Retail Sale Prices
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) October 3, 2017
Revenue loss on a/c of these reductions in excise duty is about Rs.26,000 crore in full year& Rs13,000 crore in remaining part of Current FY
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) October 3, 2017
This decision has also been taken by the Government of India in order to protect the interest of common man.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) October 3, 2017
सरकार वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में नरमी को देखते हुए इसका लाभ उठाने के लिये तीन साल पहले शुल्क में वृद्धि की थी। अब इस बात को लेकर आलोचना हो रही थी कि वह उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं कर रही है जबकि जुलाई की शुरुआत से लगातार ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं। चार जुलाई से पेट्रोल की कीमत 7.8 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है जबकि डीजल की कीमत 5.7 रुपये बढ़कर अबतक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गयी। एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के बढ़ते दाम से लोगों को राहत देने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। शुल्क में कटौती से सरकार को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 13,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।
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