मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और फ्यूचर्स रिटेल के बीच हुए सौदे का निपटारा अब जल्दी हो सकता है। बीते गुरुवार को फ्यूचर ग्रुप की सभी कंपनियों ने एक्सचेंज को बताया कि वे रिलायंस रिटेल के साथ अगस्त 2020 में हुए 24,713 करोड़ के सौदे की मंजूरी के लिए अपने शेयरधारकों और लेनदारों की बैठक 20 और 21 अप्रैल को बुलाने का फैसला किया है।
फ्यूचर ग्रुप की कंपनियां: शेयर बाजार में फ्यूचर ग्रुप की 6 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, जिसमें फ्यूचर रिटेल लिमिटेड, फ्यूचर कंज्यूमर लिमिटेड, फ्यूचर लाइफ़स्टाइल फैशन लिमिटेड, फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड, फ्यूचर सप्लाई चैन सॉल्यूशंस लिमिटेड और फ्यूचर मार्केट नेटवर्क्स लिमिटेड का नाम शामिल हैं। वहीं फ्यूचर ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से शेयर बाजार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शेयरधारकों और लेनदारों की होने वाली बैठकों की तारीख को और अन्य प्रक्रियाओं के बारे में बताया गया।
एनसीएलटी के आदेश के बाद बैठक: राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) की मुंबई पीठ ने 28 फरवरी को फ्यूचर ग्रुप को शेयरधारकों और लेनदारों की बैठक बुलाने का आदेश दिया था। इसके बाद अब 20 अप्रैल को शेयरधारकों की बैठक और 21 अप्रैल को लेनदरों से मंजूरी लेने के लिए यह बैठक होगी।
रिलायंस, अमेजन और फ्यूचर के बीच विवाद: फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल कारोबार को बेचने के लिए अगस्त 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स के साथ 24,713 करोड़ रुपए में सौदा किया था। इस सौदे पर अमेरिकी कंपनी अमेजन ने यह कहकर आपत्ति जताई थी कि फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक कंपनी फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपी) में उसने एक वर्ष पहले ही 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है और बिना उसकी मंजूरी के फ्यूचर रिटेल की बिक्री का सौदा नहीं हो सकता है। बता दें, एफसीपी की फ्यूचर रिटेल में 7 फीसदी हिस्सेदारी है।
रिलायंस ने किया स्टोर्स पर कब्जा: पिछले दिनों रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने लीज के पैसों का भुगतान न करने के चलते फ्यूचर रिटेल के करीब 200 स्टोर्स को अपने कब्जे में ले लिया है। इसके अलावा अन्य 250 स्टोर्स को अपने कब्जे में लेने की तैयारी कर रहा है।