FM Nirmala Sitharaman India Economic Package Announcement: पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से जानकारी दी है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को 3 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बिना गारंटी के बैंकों की ओर से कर्ज दिए जाएंगे। इसके अलावा 15,000 रुपये से कम सैलरी वाले कर्मचारियों के पीएफ को सरकार ने अगस्त तक खुद जमा करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि MSME को बिना गारंटी के लोन दिए जाएंगे। इससे 45 लाख यूनिट्स को फायदा होगा और नौकरियां भी इससे सुरक्षित रखी जा सकेंगी। आइए जानते हैं, वित्त मंत्री ने किया और क्या बड़े ऐलान…
एक साल तक नहीं चुकाना होगा कर्ज: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को दिए गए कर्ज पर एक साल तक ईएमआई की भी छूट रहेगी। यह कर्ज 4 सालों की अवधि के लिए दिया जाएगा। इस पर किसी भी तरह की गारंटी की जरूरत नहीं होगी। कर्ज के संकट में फंसे लघु उद्योगों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे 2 लाख यूनिट्स को फायदा मिलेगा।
मदद के लिए बनेगा 50,000 करोड़ का फंड: MSME के लिए 50,000 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जाएगा। इसके जरिए लघु उद्योगों को विस्तार के लिए मदद दी जाएगी। इससे वे मार्केट में भी लिस्ट हो पाएंगे।
200 करोड़ का टेंडर अब ग्लोबल नहीं: 200 करोड़ रुपये तक के टेंडर ग्लोबल टेंडर नहीं होंगे। अब तक छोटे उद्योगों की ओर से बड़े एक्सपोर्ट में समस्या आती थी, इसलिए अब 200 करोड़ रुपये तक के टेंडर को ग्लोबल के दर्जे से हटा लिया गया है।
1 करोड़ के निवेश के बाद भी बना रहेगा लघु उद्योग का दर्जा: ज्यादा निवेश के बाद भी MSME का फायदा लघु उद्योगों को मिलता रहेगा। पहले सिर्फ निवेश के आधार पर ही MSME के बारे में तय किया जाता था, अब यह परिभाषा टर्नओवर के आधार पर होगी। पहले 25 लाख तक के निवेश पर लघु उद्योग का दर्जा मिलता था। अब इसे बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक कर दिया है। इसके अलावा 5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर की भी लिमिट तय की गई है। यानी 1 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट हासिल करने और 5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर के बाद भी माइक्रो यूनिट के तौर पर फायदे मिलते रहेंगे। सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स दोनों के लिए ही यह परिभाषा रहेगी।
मध्यम उद्योगों के लिए 20 करोड़ की हुई लिमिट: वित्त मत्री ने कहा कि 20 करोड़ रुपये के निवेश और 100 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर के बाद भी मध्यम उद्योगों का दर्जा बना रहेगा।
पीएफ में भी कंपनियों को दी बड़ी राहत: 100 से कम कर्मचारियों और 15,000 से कम वेतन वाले 90 फीसदी कर्मचारियों वाली कंपनियों को पीएफ में तीन महीने के लिए और राहत देने का ऐलान किया गया है। सरकार जून से लेकर अगस्त तक अब पीएफ की राशि खुद जमा करेगी। कर्मचारियों का 12 और कंपनियों का 12 फीसदी हिस्सा जमा किया जाएगा। अब तक यह राहत मार्च से मई तक के लिए ही थी। इसके अलावा अन्य कंपनियों के लिए पीएफ की लिमिट को 12 से घटाकर 10 फीसदी ही कर दिया गया है।
बिजली कंपनियों को 90,000 करोड़: वित्त मंत्री ने बिजली कंपनियों में 90,000 करोड़ रुपये लगाए जाएंगे ताकि उनके पास कैश की कमी न हो और वे बिजली के लिए पेमेंट कर सकें। कई राज्यों की ओर से पेमेंट लटकने के चलते कंपनियों के पास नकदी का संकट पैदा हो गया है।
बिल्डरों को मिली 6 महीने के राहत: बिल्डरों को 6 महीने के लिए काम पूरा करने में मिलेगी राहत। जिन्हें 25 मार्च तक आवास सौंपने थे, उन्हें अब अगले 6 महीने के लिए राहत दी जाएगी।
लोकल ब्रैंड्स को बनाएंगे ग्लोबल: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों से मशविरे के बाद पैकेज का फैसला लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा विजन देश के समक्ष पेश किया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का अर्थ दुनिया से अलग होना नहीं है बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन में एक अहम योगदान देना है। इस अभियान का लक्ष्य लोकल ब्रैंड्स को ग्लोबल ब्रैंड्स के तौर पर स्थान दिलाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं अगले कुछ दिनों तक लगातार देशवासियों से अपनी टीम के साथ बात करूंगी और अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दूंगी।
लॉकडाउन में भी गरीबों और किसानों तक पहुंची मदद: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गरीबों और किसानों को उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, पीएम किसान योजना, पीएम फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना, जन धन योजना, आयुष्मान भारत के तहत बड़ी मदद दी गई है। डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तहत इन स्कीमों का सीधा लाभ किसानों तक पहुंचा है। इन सभी स्कीमों के जरिए गरीबों और किसानों के जीवन में लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी सुधार के प्रयास किए गए। सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में बड़े काम किए हैं। इसके अलावा जीएसटी, आईबीसी के जरिए हमने कारोबार को आसान करने के प्रयास किए हैं।
अनुराग ठाकुर बोले, कठिन फैसलों के लिए जाने जाते हैं मोदी: वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा बड़े फैसलों के लिए जाने जाते रहे हैं। चाहे कच्छ में भूकंप के बाद बचाव और राहत कार्य रहा हो या फिर कोरोना के दौर में तेजी से पीपीई किट और मास्क का निर्माण। अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कठिन फैसले आगे भी लिए जाते रहेंगे।
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