FM Nirmala Sitharaman Speech HIGHLIGHTS: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जारी 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की तीसरी किस्त का ऐलान कर दिया है। इस किस्त में किसानों और कृषि से जुड़े अन्य सेक्टर्स को ध्यान में रखा गया है। वित्त मंत्री ने कुल 11 घोषणाएं कीं, जिनमें से 8 कृषि क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और 3 स्कीमें किसानों को सहायता पहुंचाने के लिए हैं। वित्त मंत्री की ओर से हुई सभी घोषणाओं के तहत कुल 1,63,300 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया गया है। सबसे बड़ा ऐलान मत्स्य पालन के जरिए 55 लाख रोजगार देने का वादा है। हालांकि किसानों को कैश के तौर पर कोई नई मदद नहीं दी गई है। आइए जानते हैं, वित्त मंत्री ने किए कौन से बड़े ऐलान…
किसानों के लिए बदले ये तीन नियम
आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव: दाल, एडिबल ऑइल, प्याज, आलू को इस लिस्ट से बाहर किया जाएगा ताकि किसान अपनी जरूरत के हिसाब से उत्पादों को बेच सकें।
कहीं भी अब फसल बेच सकेंगे किसान: अब किसान एक राज्य से दूसरे राज्य में अपने सामान को बेच सकेंगे। इससे किसान अपने उत्पादों को बेहतर कीमत पर कहीं भी बेच सकेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने में यह कदम मददगार होगा।
किसानों की आय होगी तय: किसानों को फसलों पर निश्चित आय सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा निजी सेक्टर के निवेश को भी बढ़ाया जाएगा।
कृषि से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 8 बड़े ऐलान
भंडारण क्षमता के लिए 1 लाख करोड़: 1 लाख करोड़ रुपये का ऐग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड घोषित किया गया है। इससे भंडारण की क्षमता बढ़ाई जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे भारत में मांग तो पूरी होगी ही एक्सपोर्ट में भी मदद मिलेगी। यह फंड जल्दी ही शुरू किया जाएगा।
माइक्रो फूड प्रोसेसिंग के लिए 10,000 करोड़: इससे 2 लाख माइक्रो फूड इंटरप्राइजेज को लाभ मिल सकेगा। इसके तहत यूपी में मैंगो क्लस्टर, जम्मू-कश्मीर में केसर क्लस्टर, बिहार में मखाना, आंध्र प्रदेश में चिल्ली क्लस्टर तैयार किए जाएंगे। वन संपदा से जुड़ी चीजों के लिए भी क्लस्टर तैयार किए जाएंगे। इससे देश में फूड प्रोसेसिंग के काम को बढ़ावा मिलेगा और लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
पीएम मत्स्य संपदा योजना: इस स्कीम के तहत 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से 11,000 करोड़ रुपये समुद्री मत्स्य पालन के लिए मिलेगा। इसके अलावा 9,000 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट पर खर्च किया जाएगा। इससे अगले 5 सालों में 70 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन होगा। इसके तहत 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और 1 लाख करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट होगा।
53 करोड़ पशुओं का होगा टीकाकरण: गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर जैसे 53 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। मुंहपका, खुरपका रोग मुक्त किया जाएगा। इस स्कीम पर 13,343 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
डेयरी उद्योग के लिए 15,000 करोड़ रुपये: डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये की रकम जारी की जाएगी। इस सेक्टर में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को भी आमंत्रित किया जाएगा। पशु चारों के लिए प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे।
गंगा किनारे पैदा होंगे हर्बल उत्पाद: आयुर्वेदिक दवाओं से जुड़े हर्बल उत्पादों को उगाने को प्रोत्साहित करने के लिए यह रकम खर्च की जाएगी। नेशनल मेडिशनल प्लांट्स बोर्ड के तहत यह काम किया जाएगा। गंगा नदी के किनारे इनका उत्पादन किया जाएगा। 10 लाख हेक्टेयर में खेती होगी। इसके पूरी परियोजना के लिए 4,000 करोड़ रुपये की रकम जारी की जाएगी।
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़: देश में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया गया है। इसके तहत 2 लाख मधुमक्खी पालकों को मदद मिल सकेगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं को अच्छी क्वॉलिटी का शहद भी मिलेगा।
टॉप टू टोटल योजना: इस स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपये का पैकेज जारी होगा। इसके तहत आलू, प्याज और टमाटर समेत तमाम तमाम फलों और सब्जियों का रखरखाव बेहतर किया जा सकेगा।
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