अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडरबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई। अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के शेयर 25% तक टूट गए और इससे अडानी ग्रुप के मार्केट कैप को करीब 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। अडानी ग्रुप में बीमा कंपनी एलआईसी (Insurance Company LIC) का भी निवेश है और 27 जनवरी को जब शेयरों में गिरावट आई तब एलआईसी को भी 16,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।
अडानी ग्रुप में एलआईसी का निवेश
इसके बाद सवाल उठने लगे कि अडानी ग्रुप में एलआईसी के निवेश करने से बड़ा नुकसान हुआ है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर तरह-तरह की बातें होने लगी। पूरे घटनाक्रम के बाद ही एलआईसी ने बयान जारी किया है।
एलआईसी (LIC) ने सोमवार को बताया कि अब तक उसने अडानी ग्रुप की कंपनियों में कुल 30,127 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यानी एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों के 30 हजार करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं। बीमा कंपनी ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 जनवरी को बाजार बंद होने तक एलआईसी के शेयरों का मूल्य 56,142 करोड़ रुपए था। यानी बड़ी गिरावट के बाद भी एलआईसी 26,000 करोड़ रुपए के फायदे में था।
एलआईसी ने आगे कहा कि अडानी की सभी ऋण प्रतिभूतियों की क्रेडिट रेटिंग AA और उससे ऊपर है, जो बीमा नियामक IRDAI द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुपालन में है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर सवाल उठाए
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर सवाल उठाएं हैं और उनपर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। वहीं इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर 20-25 फीसदी तक टूट गए। सोमवार को भी अडानी समूह के शेयरों में गिरावट देखी गई। 27 जनवरी को जब अडानी ग्रुप के शेयर टूटे थे, तब उसमे एलआईसी को भी 18 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था।
अडानी समूह ने रविवार को न्यूयॉर्क स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का जवाब 413 पन्नों में दिया। अडानी समूह ने अपनी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की तुलना ‘भारत पर सुनियोजित हमले’ से की। समूह ने कहा, “यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि एक सोची समझी साजिश है। यह भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर हमला है।”