Dhanteras 2019: दिल्ली के बाजारों में फीकी है दिवाली, धनतेरस पर भी नहीं आ रहे खरीरदार, पिछले साल के मुकाबले 50% गिरी बिक्री
Dhanteras 2019: सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “पिछला अनुभव बताता है कि नवरात्रि और दिवाली के बीच व्यापार 30% बढ़ जाता है। इस साल मोबाइल, एफएमसीजी, जूते और फैशन वियर सहित सभी व्यवसायों में 30% की गिरावट आई है।''

Dhanteras 2019: दिवाली और धनतेरस में व्यापारियों को बहुत फाइदा होता है। लोग इस त्योहार से पहले खूब ख़रीदारी करते हैं। लेकिन इस साल ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। गुरुयावर को दिवाली की खरीदारी के लिए सरोजिनी नगर बाजार सजा लेकिन इसकी सजावट फीकी रेह गई क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस साल सेल 50% तक गिर गई। अपने खाली दुकान की ओर इशारा करते हुए, एक दुकान के प्रबंधक ने कहा, “हम समझते हैं कि क्या चल रहा है। हम आमतौर पर दीवाली के दौरान बहुत सारे ग्राहक देखते हैं।”
सरोजिनी नगर बाजार जैसा ही हाल खान मार्केट, करोल बाग, सदर बाजार और चांदनी चौक का भी है। व्यापारियों ने बिक्री में आई गिरावट का जिम्मेदार आर्थिक मंदी को ठहराया है वहीं कुछ का कहना है कि बाज़ार अबतक जीएसटी और नोट बंदी के प्रभाव से उभर नहीं पाया है। आमतौर पर दिवाली के दौरान रोशनी से सजा रहने वाला खान मार्केट इस साल सुनसान है। खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बृज गोपाल खोसला ने कहा, “पिछले साल से व्यापार 40-50% कम है। इसके विभिन्न कारण हैं – भावनाएं कम हैं, अर्थव्यवस्था नीचे है। ऑनलाइन कारोबार अलग है, हम इसे प्रतिस्पर्धा नहीं मानते, जीएसटी के बाद से बिक्री कम हो रही है और कीमतें बढ़ रही हैं।”
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT), जिसने ई-कॉमर्स वेबसाइटों के खिलाफ सरकार को लिखा है, ने भी कहा कि इस साल बिक्री में सुस्ती है। सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “पिछला अनुभव बताता है कि नवरात्रि और दिवाली के बीच व्यापार 30% बढ़ जाता है। इस साल मोबाइल, एफएमसीजी, जूते और फैशन वियर सहित सभी व्यवसायों में 30% की गिरावट आई है।”
खंडेलवाल ने कहा “दिवाली का अब व्यापारियों के लिए कोई मतलब नहीं है। इसकी मुख्य वजह ई-कॉमर्स वेबसाइट हैं, जो 90% तक की छूट प्रदान करती हैं।” सीएआईटी ने एक बयान में दावा किया कि भारत में रिटेल व्यापारी 45 लाख करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करते हैं, जिसमें से अकेले दीवाली की अवधि में 6 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होता है।
चांदनी चौक में चांदी के व्यापारी और दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के सदस्य एस के मित्तल ने कहा “हर साल, हमारे कारोबार में नोटबंदी के बाद से 20% की कमी आ रही है।” चांदनी चौक में, पुनर्विकास कार्य जैसे अन्य कारकों ने भी व्यवसाय को प्रभावित किया है। चांदनी चौक में आर्टिफिसियल आभूषण बेचने वाली रचित गुप्ता ने कहा, “पिछले 12 वर्षों में मार्केट का यह सबसे खराब समय है। मंदी के कारण पिछले साल के मुकाबले कारोबार में 40% की गिरावट आई है।”