धनलक्ष्मी बैंक को बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से दखल देने की मांग, जानें- आखिर क्या है संकट
AIBEA ने चेतावनी देते हुए कहा है बड़ी संख्या में सेल्स एग्जीक्यूटिव सीनियर एग्जीक्यूटिव की नियुक्ति और एक्सपेंशन धनलक्ष्मी बैंक पर वित्तीय बोझ बढ़ा सकता है। फिलहाल धनलक्ष्मी बैंक की क्षमता इस फाइनैंशल बर्डन को उठाने की नहीं है।

धनलक्ष्मी बैंक में गड़बड़ी की आशंकाएं जताते हुए ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन ने रिजर्व बैंक से दखल देने की मांग की है। ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन (AIBEA) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से धनलक्ष्मी बैंक के विस्तार के मामले में दखल देने को कहा है। AIBEA ने कहा कि अगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने धनलक्ष्मी बैंक के मामले में दखल नहीं दिया तो बैंक संकट में जा सकता है। AIBEA के जनरल सेक्रेटरी सीएच वेंकटचलम ने कहा पिछले कुछ महीनों में धनलक्ष्मी बैंक का टॉप मैनेजमेंट बदल दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक को फिर से गलत डायरेक्शन में ले जाया जा सकता है।
वेंकटचलम ने कहा कि धनलक्ष्मी बैंक ज्यादा ब्रांच खोलने, बड़ी संख्या में सेल्स एग्जिक्यूटिव्स और सीनियर एक्जीक्यूटिव्स नियुक्त करने की तैयारी कर रहा है। AIBEA ने आगे कहा कि हमें जानकारी मिली है उत्तर भारतीय राज्यों में बैंक की ज्यादा ब्रांच खोलने की तैयारी हो रही है। जबकि इन राज्यों में बिजनेस मैनेज करने के लिए बैंक के पास इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। मौजूदा वक्त में भी कमाई के मुकाबले बैंक का खर्च बहुत ज्यादा है और इस खर्च को कम करने की जरूरत है।
AIBEA ने चेतावनी देते हुए कहा है बड़ी संख्या में सेल्स एग्जीक्यूटिव सीनियर एग्जीक्यूटिव की नियुक्ति और एक्सपेंशन धनलक्ष्मी बैंक पर वित्तीय बोझ बढ़ा सकता है। फिलहाल धनलक्ष्मी बैंक की क्षमता इस फाइनैंशल बर्डन को उठाने की नहीं है। इस वजह से लेंडर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। AIBEA ने आगे कहा इससे पहले उत्तरी राज्यों में बैंक ने बड़ी संख्या में ब्रांच खोली थीं, लेकिन गलत कंट्रोल और सुपरविजन के कारण बैंक को मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
AIBEA के अनुसार 2008 से 2012 तक धनलक्ष्मी बैंक को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था और इसका घाटा लगातार बढ़ता चला गया। इसके बाद आरबीआई ने इसके निर्णयों का रिव्यू करके धनलक्ष्मी बैंक की कई ब्रांचों को बंद किया था। इसलिए हम इस ताजा मामले को भी आरबीआई के संज्ञान में ला रहे हैं। AIBEA के जनरल सेक्रेटरी सीएच वैंकटचलम ने यह भी कहा आरबीआई को धनलक्ष्मी बैंक के निर्णय को रिव्यू करना चाहिए। आगे अगर धनलक्ष्मी बैंक में कुछ गड़बड़ी होती है तो इसके लिए आरबीआई जिम्मेदार होगा।
दरअसल धनलक्ष्मी बैंक एक स्मॉल साइज्ड प्राइवेट बैंक है। आगामी 30 सितंबर को धनलक्ष्मी बैंक की एनुअल जनरल मीटिंग भी है । रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में धनलक्ष्मी बैंक ने 65.78 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। धनलक्ष्मी बैंक की देशभर में 247 ब्रांच हैं।