मनोज मिश्र
अरविंद केजरीवाल सरकार का पहला बजट सत्र हंगामेदार रहने वाला है। महज छह बैठकों का बजट सत्र मंगलवार से शुरू होकर अगले मंगलवार तक चलने वाला है। नई परंपरा डालते हुए निजी सदस्यों के विधेयक रखे जाने के दिन यानी शुक्रवार को साल 2015-16 का बजट पेश किया जाएगा। उससे पहले दिल्ली का आर्थिक सर्वे के अलावा 21 विधायकों को बनाए गए संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से मुक्त करने और शिक्षा के कानून में बदलाव आदि के विधेयक पेश किए जा सकते हैं। भाजपा ने विधानसभा के भीतर और बाहर सरकार का विरोध करने की भारी तैयारी कर रखी है। भाजपा पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर से लेकर दागी आप विधायकों का मामला पूरी तैयारी से उठाने वाली है।
आप सरकार बजट पेश करने की नई परंपरा शुरू करने जा रही है। आप सरकार ने इस बार आम जनता से पूछ कर बजट बनाने की प्रक्रिया लागू की है। अब 26 जून को पता चलेगा कि उसमें नया क्या किया गया है। दिल्ली में राजस्व वसूली की दर वृद्धि नहीं हो रही है और खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं। भाजपा का दबाव है कि चौथे वित्त आयोग की रिपोर्ट सदन में रखी जाए।
जाहिर है इसके पीछे उद्देश्य यही है कि उसकी सिफारिशों के आधार पर ज्यादा पैसे निगम को दिए जाएं। केजरीवाल सरकार केंद्र सरकार से ज्यादा पैसा देने की मांग करती रही है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार दिल्ली से अरबों वसूलती है और उसका मामूली हिस्सा ही दिल्ली सरकार को देती है। यह बजट सत्र से पहले पेश किए जाने वाले आर्थिक सर्वे में भी बताया जाएगा।
भाजपा और कांग्रेस आप सरकार पर चुनावी वादों को पूरा करने के लिए दबाव डालती रही है साथ ही आरोप भी लगाई रही है कि बिजली-पानी की सबसिडी के चक्कर में गरीबों के लिए चल रही अनेक पेंशन योजनाएं इस सरकार ने बंद कर दिए हैं।
केजरीवाल सरकार के अब तक के कार्यकाल में पहली बैठक सदस्यों के शपथ, उपराज्यपाल के अभिभाषण और अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए हुई थी। मार्च में लेखानुदान पास करवाने के लिए और 26 मई को उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के सर्कुलर को वापस लेने के लिए प्रस्ताव पास करने के लिए बैठक बुलाई गई थी। अब 23 जून से 30 जून तक बजट सत्र के लिए बैठक बुलाई गई है।
26 को बजट पेश होने पर 29 और 30 जून को उस पर चर्चा करके उसे पास कर दिया जाएगा। अलग तरह से राजनीति करने का दावा करके प्रचंड बहुमत से दिल्ली की सत्ता में आई आप का यह पहला बजट होगा। यह माना जा रहा है कि लोगों की जो आप सरकार से बेहिसाब उम्मीदें हैं उसे पूरा करने की इस बजट में झलक दिखने वाली है।
बजट का आकार ज्यादा बड़ा नहीं होगा लेकिन यह देखना होगा कि उसमें परंपरागत बजटों से अलग क्या चीजें रहने वाली है। 70 सदस्यों वाले सदन में भाजपा के महज तीन सदस्य है जबकि बाकी सभी 67 आप के हैं।
बजट सत्र में पेश होंगे पांच सरकारी विधेयक भी
दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में साल 2015-16 के बजट के अलावा पांच सरकारी विधेयक पेश किए जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के मुताबिक प्रश्नोतर के लिए 12 दिन की समय सीमा के चलते केवल 29 और 30 जून को ही प्रश्नकाल हो पाएगा। उसके लिए विधानसभा सचिवालय को 67 प्रश्नों की सूचना मिली है। सत्र 30 जून तक चलने वाला है।
पेश होने पांच विधेयकों में नेताजी सुभाष इन्फारमेंशन टेकनालाजी बिल-2015, दिल्ली लेजिसलेटिव एसेंबली मेंबर संशोधन बिल, वैट संशोधन बिल, दिल्ली अरबन सेल्टर इमप्रूवमेंट(संशोधन) बिल हैं। उन्होंने बताया कि पहले की तरह छह बैठकों की शुरुआत मंगलवार को दिन में दो बजे से होगी।