SBI: बदलने वाले हैं नियम, जानें मिनिमम अकाउंट बैलेंस और कितनी है पेनल्टी
बैंक ने एसबीआई ब्रांच से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फ़ंड ट्रांसफ़र (NEFT) में भी परिवर्तन करने की घोषणा की है। यह डिजिटल पेमेंट माध्यम मुफ्त है और इसकी फीस ब्रांच पर लगाई जाती है।

देश का सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 1 अक्टूबर 2019 से अपने सर्विस चार्ज में बदलाव करने जा रहा है। इस बदलाब का असर बैंक के करोड़ों ग्राहकों पर पड़ने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक सबसे बड़ा बदलाव एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) को लेकर होने वाला है। दरअसल बैंक अकाउंट में मंथली एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाने पर लगने वाले चार्ज में कटौती करने वाला है। यह कटौती करीब 80 फीसदी तक हो सकती है। मौजूदा समय में मेट्रो सिटी और अर्बन सेंटर ब्रांच में AMB क्रमश: 5 और 3 तीन हजार रुपए होना जरुरी है।
अब एक अक्टूबर से मेट्रो और अर्बन ब्रांच में AMB 3 हजार रुपए रह जाएगा। ऐसे में मेट्रो सिटी के एसबीआई ग्राहकों को दो हजार रुपए की राहत मिली है। इसी तरह अर्बन सेंटर के इलाके के एसबीआई होल्डर को भी जुर्माने के चार्ज में राहत दी गई है। इन इलाकों में किसी का अकाउंट का मिनिमम बैलेंस जरुरी तीन हजार रुपए में 75 फीसदी से ज्यादा कम हुआ तो 15 रुपए जुर्माने के साथ जीएसटी चार्ज देना होगा। अभी यह जुर्माना 80 रुपए है और जीएसटी चार्ज से अलग से। इसी तरह AMB 50 से 75 फीसदी तक कम रखने वाले ग्राहकों को 12 रुपए जुर्माना और जीएसटी देना होगा। इससे पहले यह जुर्माना 60 और जीएसटी था।
बैंक ने इसी बीच एसबीआई ब्रांच से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फ़ंड ट्रांसफ़र (NEFT) में परिवर्तन करने की घोषणा की है। यह डिजिटल पेमेंट माध्यम मुफ्त है और इसकी फीस ब्रांच पर लगाई जाती है। 10,000 रुपए तक का NEFT लेनदेन पर 2 रुपये प्लस जीएसटी लगेगा। 2 लाख से अधिक की राशि NEFT करने पर 20 रुपए पर प्लस जीएसटी देना होगा। RTGS से 2 लाख से 5 लाख तक रुपए भेजने पर ग्राहक को 20 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा। 5 लाख रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर 40 रुपए प्लस जीएसटी चार्ज लगेगा।
इसके अतिरिक्त ने 1 अक्टूबर से SBI के एटीएम चार्ज भी बदलने वाले हैं। अब बैंक के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में से मैक्सिमम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। अभी यह लिमिट 6 ट्रांजेक्शन की है। वहीं अन्य जगहों के एटीएम से मैक्सिसम 12 फ्री ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा।