जीएसटी लागू करने के लिए कड़ी मेहनत काम कर रही सरकार: मंत्रिमंडल सचिव
सरकार अगले साल एक अप्रैल से कर सुधारों को क्रियान्वित करना चाहती है ताकि नए वित्त वर्ष की शुरुआत से नए कर ढांचे को सुचारू तरीके से क्रियान्वित किया जा सके।

मंत्रिमंडल सचिव पी के सिन्हा ने जीएसटी को ‘पासा पलटने वाला’ सुधार बताते हुए शनिवार (17 सितंबर) को कहा कि सरकार इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को अगले वर्ष एक अप्रैल से लागू करने के लिए ‘कड़ी मेहनत’ कर रही है। देश में जीएसटी लागू करने के लिए संविधान संशोधन (122वां) विधेयक को राष्ट्रपति ने आठ सितंबर को मंजूरी दे दी और उसे संविधान का (101वां) संशोधन के रूप में अधिसूचित किया गया है। पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल द्वारा आयोजित मुख्य सचिवों के सम्मेलन में सिन्हा ने कहा, ‘जीएसटी सबसे बड़ा पासा पलटने वाला साबित होने वाला है। लेकिन यह एक चुनौती भी है। हम इसे एक अप्रैल 2017 से अमल में लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’
सरकार अगले साल एक अप्रैल से कर सुधारों को क्रियान्वित करना चाहती है ताकि नए वित्त वर्ष की शुरुआत से नए कर ढांचे को सुचारू तरीके से क्रियान्वित किया जा सके। सिन्हा ने कहा कि जीएसटी तथा सरकार ने जो अन्य महत्वपूर्ण सुधारों को लेकर प्रतिबद्धता जतायी है, उसे क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘एक मौन क्रांति हो रही है। शुरुआती दौर में आने वाली समस्याओं के बावजूद सभी की अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए राजकाज के क्षेत्र में सुधार लाने और आर्थिक गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में जो लक्ष्य और उद्देश्य तय किए हैं सरकार उन्हें हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ेगी।’
मंत्रिमंडल सचिव पी के सिन्हा ने कहा कि ढांचागत क्षेत्र….सड़क, नागर विमानन, ऊर्जा, परंपरागत और गैर-परंपरागत बिजली, पेट्रोलियम और रेलवे… में लक्ष्यों के तहत प्रदर्शन बेहतर हुआ है। नागर विमानन क्षेत्र ने 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि करना शुरू किया है और रेलवे के समक्ष यातायात के संदर्भ में एक गंभीर चुनौती बन रही है।’ सम्मेलन के एक अन्य सत्र में नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा, ‘हम राज्यों के बीच कारोबार सुगमता को लेकर प्रतिस्पर्धा की भावना तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि राज्य निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अब आपस में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और यह एक सकारात्मक संकेत है। कांत ने कहा कि सरकार नवप्रवर्तन पर जोर दे रही है और भारत को कारोबार करने के लिये एक सुगम गंतव्य बनाने की कोशिश कर रही है।