Vehicle Scrapping Policy : पर्यावरण को सरंक्षित करने और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार 1 अप्रैल 2022 से व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लागू करने जा रही है। इस पॉलिसी में अब 10 साल पुराने कमर्शियल और 15 साल पुराने प्राइवेट वाहनों को यूज करने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। अगर ये वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल होते हैं तो इन्हें सड़क से दूर कबाड़ में तब्दील कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं। व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के बारे में….
क्या है स्क्रैप पॉलिसी – केंद्र सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के बजट में पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा की थी। जिसमें वाहनों की बॉडी और इंजन के आधार पर फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा जिसमें एमिशन स्टेटस और फ्यूल एफिशिएंसी, सेफ्टी स्टेटस जैसे कई फीचर्स की जांच होगी। अगर आपका पुराना वाहन टेस्ट में फेल होता है तो वाहन का रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो जाएगा और ऐसे वाहनों को स्क्रैप में भेज दिया जाएगा।
वाहन का स्क्रैप होने पर कैसे मिलेगा फायदा – केंद्र सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी में लोगों को फायदा देने के लिए कई सुविधाओं की घोषणा की थी। अगर आपका वाहन स्क्रैप में जाता है तो इसके बदले आपको स्क्रैप सर्टिफिकेट मिलेगा जो 2 साल तक मान्य होगा। इस सर्टिफिकेट के जरिए आप किसी भी कंपनी की नई गाड़ी खरीदते हैं तो पुरानी गाड़ी के स्क्रैप मूल्य के बाराबर नई गाड़ी पर डिस्काउंट मिलेगा जो कि, नई गाड़ी के मूल्य का अधिकतम 5 फीसदी होगा।
इसके अलावा नए व्हीकल पर कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होगी। राज्य सरकार प्राइवेट व्हीकल्स के लिए 25 फीसदी और कमर्शियल व्हीकल्स पर 15 फीसदी तक का रोड टैक्स रिबेट भी दे सकती हैं।
फिटनेस टेस्ट के लिए कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन – व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी में फिटनेस टेस्ट के लिए www.ppe.nsws.gov.in/portal/scheme/scrappagepolicy पर जानकार आवेदन कर सकते हैं। जिसमें 100 रुपये के स्टांप पर करैक्टर सर्टिफिकेट के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। जिसके बाद आपके वाहन का फिटनेस टेस्ट होगा।