Maruti Suzuki: देश में नए बीएस6 उत्सर्जन मानको के लागू होने से मोटर वाहन उद्योग में खलबली मची हुई है, जिसके पीछे बड़ा कारण वाहन कंपनियों का बचा हुआ बीएस4 स्टॉक है। बता दें, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने फरवरी 2016 में बीएस6 मानको को लागू करने की घोषणा की थी। जिसके बाद से ही देश की सबसे बड़ा वाहन निर्माता कंपनी मारुति ने अपने व्हीकल लाइनअप को नए मानको के अनुरूप अपडेट करने पर काम शुरू कर दिया था। नतीजतन नए उत्सर्जन मानक के लागू होने से पहले ही कंपनी 7,50,000 BS6 वाहनों को बेच चुकी थी।
वहीं मारुति ने बीएस4 स्टॉक के भी लगभग 6,59,000 वाहन को बेच दिया है। कंपनी ने बीएस6 वाहनों को लॉन्च करने की शुरुआत उन गाड़ियों से की जिन्हें भारत में लाकप्रियता हासिल थी। इस क्रम में अप्रैल 2019 में ऑल्टो और बलेनो बीएस6 इंजन से अपडेट पाने वाले पहले मॉडल थे। जिसके बाद वैगनआर और डिजायर को जून 2019 में उतारा गया था। वहीं Ertiga, XL6, S-Presso को भी पिछले साल BS6 से अपडेट कर दिया गया था। हालांकि ईको, सेलेरियो, सियाज, विटारा ब्रेजा, इग्निस आदि गाड़ियों को 2020 में बीएस 6 मानकों के अनुरूप तैयार कर लॉन्च किया गया है।
भारतीय मोटर वाहन उद्योग के पास 2016 से 2019 का समय था, जिसमें उसे अपने पोर्टफोलियो को अपडेट करना था, ऐसे में मारुति ने इस समय सीमा के बीच अपने 14 मॉडल और उनके वेरिएंट को तैयार कर भारत में लॉन्च किया। मारुति सुजुकी के एक अधिकारी की तरफ से कहा गया कि “पिछले दो वर्षों में हमने बीएस6 वाहनों पर काम करने की गति को 1.5 गुना तक बढ़ा दिया है। वहीं पहले के मुकाबले अब हमारे पास 12 उत्सर्जन लैब हैं। जिसमें हमने 14 मॉडलों के 11,000 से अधिक उत्सर्जन परीक्षण किए हैं।
बता दें, कोरोनावायरस के प्रकोप से निपटने के लिए देशभर में तालाबंदी है, ऐसे में सभी वाहन कंपनियों के लिए अपने बीएस4 स्टॉक को निकालना मुश्किल काम हो रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने BS4 वाहनों के बचे स्टॉक की 10 प्रतिशत की बिक्री की अनुमति दी है। जिसे तालाबंदी के बाद 10 दिन के लिए बेचा जाएगा।