डगमगाती अर्थव्यवस्था की असर भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी पर भी दिखने लगा है। ऑटो सेक्टर की हाल में धीमी चाल और कम बिक्री के बाद मारुति सुजुकी ने अपने अस्थायी कर्मचारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सेल गिरते ही कंपनी ने छंटनी भी शुरू कर दी है। मारुति सुजुकी ने रॉयटर्स को भेजे एक मेल में बताया कि कंपनी ने 30 जून को खत्म हुई छमाही में कुल 18,845 अस्थायी कर्मचारियों को रोजगार दिया जो कि पिछले साल की समान अवधि में 6 प्रतिशत कम है।
सूत्रों के मुताबिक कंपनी अब नए कर्मचारियों की भर्ती तभी करेगी जब सेल में बढ़ोतरी होना शुरू होगी। हालांकि कंपनी ने कहा है कि उन्होंने फिलहाल अपने स्थायी कर्मचारियों को कार्यमुक्त नहीं किया है जिनकी संख्या मार्च के आखिर तक फिलहाल 15,892 है। हालांकि कंपनी ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि वह भविष्य में अपने स्थायी कर्मचारियों की छंटनी के लिए भी किसी योजना पर का कर रही है या नहीं।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी को बीते जुलाई महीने में तगड़ा झटका लगा है। कंपनी की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी की बिक्री जुलाई महीने में 33.50 प्रतिशत गिरकर 1,09,264 इकाइयों पर आ गई। कंपनी ने कहा है कि उसने पिछले साल जुलाई में 1,64,369 इकाइयों की बिक्री की थी।
आलोच्य महीने के दौरान कंपनी की घरेलू बिक्री पिछले साल के 1,54,150 वाहनों की तुलना में 36.30 प्रतिशत गिरकर 98,210 इकाइयों पर आ गई। इस दौरान ऑल्टो और वैगन आर समेत मिनी कारों की बिक्री पिछले साल के 37,710 इकाइयों की तुलना में 69.30 प्रतिशत गिरकर 11,577 इकाइयों पर आ गई। मालूम हो कि मारुति सुजुकी नई कारों के साथ साथ पुरानी कारों की भी बखूबी बिक्री करती है।

