कार बनाने से पहले साइकिल बनाती थी Kia Motors! जानिए कंपनी से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प बातें
Kia Motors दुनिया भर में केवल पैसेंजर कारों के लिए ही मशहूर नहीं है, बल्कि कंपनी अपने बेहतरीन हैचबैक, सिडान और एसयूवी के साथ ही कोरियन मिलिट्री के लिए भी वाहनों का निर्माण करती है।

Kia Motors Interesting Facts: दक्षिण कोरिया की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी Kia Motors ने पिछले साल ही भारतीय बाजार में अपना पहला कदम रखा है। कंपनी ने अपने पहले वाहन के तौर पर भारतीय बाजार में अपनी नई Kia Seltos को लांच किया था। अब कंपनी ने भारत से ही अपनी तीसरी गाड़ी Kia Sonet का वर्ल्ड प्रीमियर किया है। तो आइये जानते हैं देश में धूम मचाने वाली इस कार निर्माता कंपनी से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प बातें –
पहले बनाती थी साइकिल: किया मोटर्स ने भी अन्य वाहन निर्माताओं की तरह अपनी शुरुआत बेहद ही हल्के ढंग से की थी। साल 1944 में Kyungsung Precision Industry के नाम से कंपनी की स्थापना हुई थी, जो कि आगे चलकर किया मोटर्स हो गई। उस दौर में कंपनी साइकिल सके पार्ट्स का निर्माण करती थी। साल 1951 में कंपनी ने पहली बार बड़ी सफलता प्राप्त की और पहली कोरियन साइकिल का निर्माण किया।
नाम में छिपा है राज: KIA, महज तीन अक्षर के इस नाम में एक गहरा राज छिपा है। दरअसल, दक्षिण कोरियाई अच्छर 起 (ki) का अर्थ होता है “उदय होना, या बाहर आना” वहीं 亞 (a) का अर्थ होता है “पूर्व या एशिया”। इस लिहाज से इस कंपनी के नाम का पूरा अर्थ होगा एशिया से उदय होने वाला और अंग्रेजी में इसे “Rising from the East” भी पढ़ा जाता है।
रिकॉल रेट है बेहद कम: किसी भी वाहन निर्माता कंपनी के लिए वाहनों को रिकॉल करना बड़े शर्म की बात होती है। हालांकि यह आज कल के दौर में काफी चलन में है और ज्यादातर कंपनियां तकनीकी खामियों के चलते अपने वाहनों को रिकॉल करती है। लेकिन iSeeCars नाम की संस्था की एक स्टडी के मुताबिक किया मोटर्स का रिकॉल रेट सबसे लोवेस्ट तीसरे पायदान पर है। यानी कि यह दुनिया की तीसरे सबसे कम रिकॉल करने वाली कंपनी है। इसके आगे पहले पायदान पर पोर्शे और दूसरे पर मर्सिडीज बेंज हैं। इससे यह किया मोटर्स के वाहनों की गुणवत्ता कितनी अच्छी है इस बात का पता चलता है।
मिलिट्री वाहनों का भी करती है निर्माण: Kia Motors दुनिया भर में केवल पैसेंजर कारों के लिए ही मशहूर नहीं है, बल्कि कंपनी अपने बेहतरीन हैचबैक, सिडान और एसयूवी के साथ ही कोरियन मिलिट्री के लिए भी वाहनों का निर्माण करती है। यह ठीक वैसा ही है जैसे भारत में टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कंपनियां भारतीय सेना के लिए वाहनों का निर्माण करती हैं।
अलग-अलग लोगो का कर चुकी है इस्तेमाल: ज्यादातर वाहन निर्माता कंपनियां जहां यह सोचती हैं कि उनका ब्रांड लोगो यानी की बैज ही उनकी पहचान है। इससे दिगर किया मोटर्स की सोच अलग है। किया मोटर्स का रेड ओवल लोगो दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन कंपनी अपने घरेलू बाजार में अलग अलग लोगो का प्रयोग कर चुकी है। कई सालों तक कंपनी ने अंग्रेजी के “K” अक्षर का प्रयोग बतौर लोगो किया था। इसके बाद कंपनी ने Stinger मॉडल के लिए कंपनी ने
“E” बैज का भी इस्तेमाल किया था।
Hyundai है मालिक: हालांकि दुनिया भर के लिए यह कोई सरप्राइज नहीं है लेकिन ज्यादातर भारतीयों के लिए यह चौकानें वाला हो सकता है। दरअसल, Kia Motors दक्षिण कोरिया की दो अलग कंपनियां नहीं हैं बल्कि साल 1998 से इस कंपनी का मालिकाना हक Hyundai के ही पास है। ग्लोबल मार्केट में यह दोनों ब्रांड काफी मशहूर हैं और एक साथ मिलकर यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनती हैं।