आपकी कार और बाइक की नंबर प्लेट में मिलेंगे ये फीचर, कोड स्कैन करते ही मिल जाएगी पूरी जानकारी
High Security Number Plate in India: नंबर प्लेट पर मिनिमम 10 डिजिट का परमानेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर लेजर ब्रांडेड होगा, जिसे नंबर प्लेट पर नीचे की ओर बाएं तरह रखा जाएगा।
कार और बाइकों की चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक और कोशिश करने जा रही है। अब कार और बाइक की नंबर प्लेट में ही कुछ सिक्योरिटी बढ़ाई जाने वाली हैं। नंबर प्लेट को अभी कहीं भी बनवाकर लगवा लिया जाता है। अगर किसी का वाहन चोरी हो जाए तो चोर बड़ी ही आसानी से नंबर प्लेट बदल भी लेते हैं। अब सरकार केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली के अलावा 2001 के सिक्योरिटी नंबर प्लेट आदेश में संशोधन करने जा रही है। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने नए ड्रॉफ्ट नियमों को अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है। ड्राफ्ट में कहा गया है कि 1 जनवरी 2019 से सड़कों पर आने वाली सभी नई गाड़ियों के लिए ऑटोमोलाइल मैन्युफैक्चरर्स नंबर प्लेट उपलब्ध कराएंगे और डीलर्स इन प्लेट्स को फिट कराएंगे, इन नियमों को अनिवार्य बनाया जाए।
सेंटर मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 50 के तहत हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर को 15 साल की गारंटी के साथ बनाया जाएगा। यदि इससे पहले प्राकृतिक कारणों से नंबर प्लेट खराब हो जाती है या टूट जाती है तो डीलर ठीक कराकर देगा। वाहन के आगे और पीछे ऐसी नंबर प्लेट लगाई जाएगी जिसे आसानी से निकाला न जा सके, अगर निकल जाए तो उसे दोबारा न लगाया जा सके। इसके लिए इसे स्नैप लॉक सिस्टम से जोड़ा जाएगा। बेहत सुरक्षा के लिए इसमें कम से कम दो स्नैप लॉक जोड़े जाएंगे। इसमें ‘INDIA’ लिखा हुआ बारकोड वाला क्रोमियम होलोग्राम होगा। आदेश के मुताबिक, होमोग्राम में नीले रंग का ‘चक्र’ होगा।
नंबर प्लेट पर मिनिमम 10 डिजिट का परमानेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर लेजर ब्रांडेड होगा, जिसे नंबर प्लेट पर नीचे की ओर बाएं तरह रखा जाएगा। परमानेंट आईडेटिफिकेशन नंबर में दो अल्फाबेट होंगे जोकि वेंडर या मैन्युफैक्चरर्स या सप्लायर के होंगे। लाइसेंस या नंबर पर हॉट स्टैम्प फिल्म को अप्लाई किया जाएगा और इसमें ‘INDIA’ लिखा होगा। लेटर ‘INDIA’ नीले रंग का होगा और इसे बोल्ड एरियल टाइम और 10 फॉन्ट में होगा। प्लेट पर इंजन नंबर और चेसिस नंबर भी होंगे। इन नंबर को इलेक्ट्रॉनिक्ली लिंक से लिखा जाएगा।
अभी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सिक्योरिटी नंबर प्लेट की व्यवस्था लागू नहीं हुई है। जबकि दिल्ली में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। वाहनों में सिक्यूरिटी नंबर प्लेट की व्यवस्था का एलान केंद्र सरकार ने 2001 में किया था। इसमें राज्यों को अपने स्तर पर निविदाएं आमंत्रित करने का अधिकार दिया गया था। लेकिन कई राज्यों में ठेकों को लेकर विवाद सामने आने के बाद 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने हर राज्य में सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने का आदेश दिया था।
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