Vehicle Documents validity date Extended: देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, करीब 2 महीनें के लॉकडाउन के बाद अब आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने लोगों को तालाबंदी से राहत दे दी है। वहीं जहां पहले इस महामारी के कारण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 फरवरी से 30 जून 2020 के बीच समाप्त होने वाले वाहन के सभी कागजों की वैधता का विस्तार करने के लिए कहा था। इसमें एक बार फिर से बदलाव करते हुए अब इस अवधि को 30 सितंबर 2020 तक कर दिया गया है। यानी अगर आपके वाहन से जुड़े किसी भी कागज की वैधता 1फरवरी से 30 जून के बीच समाप्त हो रही है, तो इसके लिए आपको 30 सितंबर तक की मौहलत दी गई है।
नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी जानकारी: हाल ही में नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी जानकारी में कहा कि, “ट्रांसपोर्टर्स और नागरिकों को होने वाली कठिनाइयों से बचने के लिए वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार को सभी दस्तावेजों की अवधि 30 सितंबर 2020 तक बढ़ाने की सलाह दी जाती है।” इसे लेकर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया गया है।
इसके तहत कौन से दस्तावेज आते हैं?: इस नियम के तहत मोटर वाहन अधिनियम 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 से संबंधित सभी दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन, परमिट और वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र शामिल हैं, जिनकी वैधता 1 फरवरी से 30 जून 2020 के बीच समाप्त हो रही है।
इरडा ने भी किया नियम में बदलाव: कोरोना महामारी के चलते इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) ने लॉन्ग टर्म पैकेज्ड थर्ड पार्टी और ओन-डैमेज पॉलिसी के नियमों को वापस ले लिया है। यानी अब अगर आप कार या बाइक खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको 3 और 5 साल की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी लेना जरूरी नहीं होगा। इसका सीधा असर नए वाहनों की कीमत पर पड़ेगा, जिससे वाहन और भी सस्ते हो जाएंगे।