BS4 Vs BS6 Cars: क्या BS6 कार देती है ज्यादा माइलेज! आखिर इन दोनों मानकों में क्या है अंतर? आसान भाषा में जानिए पूरी डिटेल
BS6 VS BS4 Cars: नए BS6 कारों में एडवांस एमीशन कंट्रोल सिस्टम फिट किया गया है, जो डीजल वाहनों में 70 प्रतिशत और पेट्रोल वाहनों में 25 प्रतिशत तक नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करता है।

BS6 VS BS4 Cars Differences: भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार इस साल एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। इस साल देश में नए BS6 उत्सर्जन मानक को लागू कर दिया गया है और अब देश में केवल उन्हीं वाहनों की ही बिक्री की जा सकेगी जिनमें नए BS6 इंजन का प्रयोग किया गया होगा। इस नई तकनीक के सामने आने के बाद बहुतायत लोगों के जेहन में ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब जानना बेहद ही जरूरी है। तो आइये आज हम आपको आसान भाषा में बताने की कोशिश करते हैं कि आखिर BS4 और BS6 कारों में क्या अंतर होता है?
क्या है भारत स्टैंडर्ड (BS): इन दोनों के बीच के अंतर को जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर BS है क्या? दरअसल यह भारत स्टेज इमिशन स्टैंडर्ड मानक है जो कि सरकार द्वारा बनाया गया है। हमारे यहां पर प्रयोग किया जाने वाला मानक यूरोपियन रेगुलेशन पर आधारित है। इसका उद्देश्य वाहनों द्वारा उत्सर्जित किये जाने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना है। इसकी शुरूआत साल 2000 में की गई थी।
क्या है BS4: बीते 1 अप्रैल से पहले यानी 31 मार्च तक देश में भारत स्टैंडर्ड 3 लागू था। अक्टूबर 2010 में BS3 मानक को देश में लागू किया गया और तकरीबन 7 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद देश में अप्रैल 2017 से BS4 मानक को लागू किया गया। चूकिं यह बदलाव काफी लंबे समय के बाद किया गया था और नए मानक को लागू करने में अब समय नहीं था इसलिए सरकार ने साल 2016 में घोषणा की कि, देश में BS5 को लागू कर के सीधे BS6 स्टैंडर्ड मानक को लागू किया जाएगा। इस तरह अब देश में नया उत्सर्जन मानक लागू कर दिया गया है।
BS4 और BS6 कारों में अंतर: इन दोनों तरह की कारों में सबसे बड़ा अंतर इनके इंजन तकनीक और इससे उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण का है। BS6 मानक की कारों में नए और अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है। कंपनियों ने अपने मौजूदा BS4 मॉडलों के इंजन को नई तकनीक से अपडेट करते हुए बाजार में पेश किया है। BS6 कारें BS4 इंजन की तुलना में काफी कम प्रदूषण का उत्सर्जन करती हैं जो कि पर्यावरण के लिए बेहद ही उपयोगी सिद्ध होता है। BS6 कारों में एक खास तरह के कम्प्यूटरीकृत तकनीक इस्तेमाल की जाती है।
दोनों इंजन में प्रदूषण का स्तर: ऐसा नहीं है कि नया BS6 इंजन बिल्कुल भी प्रदूषण नहीं करता है, लेकिन इससे उत्सर्जित होने वाले प्रदूषित कणों की संख्या काफी कम होती है। इसमें एडवांस एमीशन कंट्रोल सिस्टम फिट किया गया है, जो डीजल वाहनों में 70 प्रतिशत और पेट्रोल वाहनों में 25 प्रतिशत तक नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करता है।
यदि आंकड़ों पर गौर करें तो BS6 पेट्रोल इंजन कम सल्फर का उत्सर्जन करता है और पीएम (पार्टिकूलेट मैटर) स्तर को नीचे रखता है। BS6 पेट्रोल इंजन 4.5 mg/km पार्टिकूलेट मैटर और 60 mg तक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन करता है। वहीं BS4 इंजन में नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर 80 mg तक रहता है।
इसके अलावा डीजल इंजन की बात करें तो BS6 डीजल इंजन 170 mg प्रतिकिलोमीटर की दर से हाइड्रोकॉर्बल और नाइट्रोजन ऑक्साइड (HC + NOx)का उत्सर्जन करता है। वहीं BS4 इंजन में यह आंकड़ा 300 mg तक पहुंच जाता है। इसके अलावा BS6 डीजल इंजन 4.5 mg/km पार्टिकूलेट मैटर और 80 mg तक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन करता है। जबकि BS4 इंजन 25 mg पार्टिकूलेट मैटर और 250 mg तक नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्पन्न करता है।
क्या BS6 कार देता है ज्यादा माइलेज: इसमें कोई दो राय नहीं है कि नया BS6 फ्यूल ज्यादा बेहतर क्वॉलिटी का होता है। वहीं नई तकनीक वाहन के परफॉर्मेंस और माइलेज दोनों को बेहतर बनाता है। हाल ही में लांच किए गए कुछ BS6 कारों में देखा गया है कि वो पिछले मॉडल के मुकाबले थोड़ा बेहतर माइलेज प्रदान करते हैं। मसलन, BS4 Maruti Dzire जो पहले 21.21 किलोमीटर प्रतिलीटर का माइलेज देती थी वो अब BS6 अपडेट के बाद 22 किलोमीटर प्रतिलीटर तक का माइलेज प्रदान करती है। हालांकि यह अंतर इतना कम है कि इसे नजरअंदाज भी किया जा सकता है।