आपका वाहन BS6 है या नहीं इस खास स्टीकर से लग जाएगा पता! सड़क व परिवहन मंत्रालय ने जारी किया नोटिस, देखें क्या है रिपोर्ट
वर्तमान क हालात को देखा जाए तो लगभग सभी वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने वाहनों को नए मानकों के अनुसार अपडेट कर लिया है, और इसी बीच BS4 वाहनों की ब्रिकी पूरी तरह से बंद हो गई हैं।

देश में अब नए बीएस6 मानक लागू हो गए हैं, जिनकी पहचान के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक खास तकनीक का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक अब हर बीएस6 वाहन पर रजिस्ट्रेशन के समय एक हरी पट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे यह पहचानने में मदद मिलेगी कि यह वाहन नए मानकों के अनुरूप है, या नहीं।
मंत्रालय ने शनिवार को कहा, ” कि नए मानक को 1 अप्रैल से लागू कर दिया गया है, और अब अन्य देशो की तरह ही भारत में इस तरह का प्रवाधान होना चाहिए कि सड़क पर चलते हुए वाहन की बीएस6 के रूप में पहचान हो सके। हालांकि अभी इस योजना को लागू करने पर विचार किया जा रहा है, और इसे प्रयोग में 1 अक्टूबर से लाया जाएगा।
बता दें, इस पहचान के लिए 1सेमी चौड़ी हरी पट्टी का इस्तेमाल पेट्रोल, सीएनजी और डीजल के लिए मिलने वाली स्ट्रीप के ठीक उपर किया जाएगा। वर्तमान के हालात को देखा जाए तो लगभग सभी वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने वाहनों को नए मानकों के अनुसार अपडेट कर लिया है, और इसी बीच बीएस4 वाहनों की ब्रिकी पूरी तरह से बंद हो गई हैं।
BS4 Vs BS6: BS4 इंजन से लैस गाड़ियों के ईंधन में सल्फर की मात्रा अधिक होती है। जिसके कारण नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन भी अधिक होता है, और इसके लिए बीएस4 ईंधन से निकलने वाला धुंआ वायु प्रदुषण का एक मुख्य कारण है। जिसकी वजह से फेंफड़ों में इन्फेक्शन जैसी समस्याओं उत्पन्न होती है। वहीं बीएस-6 वाहनों में कंपनी द्वारा एक एडवांस एमीशन कंट्रोल सिस्टम फिट किया जाएगा। जो डीजल वाहनों में 70 प्रतिशत और पेट्रोल वाहनों में 25 प्रतिशत तक नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करेगा। जिससे प्रदुषण के स्तर में भी गिरावट देखने को मिलेगी।