काली गाड़ियों में AC करता है कम असर, घटता है माइलेज! इस रंग की कार गर्मियों में रहती है कूल
सफेद और सिल्वर रंग की कारें तकरीबन 60 प्रतिशत तक सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करती हैं। वहीं काले और डार्क कलर की कारों में महज 5 प्रतिशत तक सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करती हैं

ये हम सभी जानते हैं कि गाढ़े और डार्क कलर सूर्य की रोशनी में तेजी से गर्म होती है। इस मामलें में काली कारें हल्के रंग की कारों मुकाबले सूर्य के प्रकाश को ज्यादा अवशोषित करती है। इसलिए वो जल्दी गर्म हो जाती है। वहीं सफेद रंग की कारें सबसे कम सूर्य की रोशनी का अवशोषण करती हैं इसलिए वो उस हद तक गर्म नहीं हो पाती हैं।
बार्कले लैब एन्वॉयरमेंटल इनर्जी टेक्नोलॉजी में हुए शोध के अनुसार सफेद, सिल्वर और अन्य हल्के रंग की कारों की बॉडी जल्द गर्म नहीं होती है। सफेद और सिल्वर रंग की कारें तकरीबन 60 प्रतिशत तक सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करती हैं। वहीं काले और डार्क कलर की कारों में महज 5 प्रतिशत तक सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करती हैं।
इस मामले में ऑटोट्रेडर ने एक वीडियो द्वारा काले और सफेद रंग की गाड़ियों के बीच हीट होने के अंतर को समझाया है। इस टेस्टिंग में टोयोटा की मशहूर एसयूवी 4 रनर्स को लिया गया है, जिसे भारतीय बाजार में फॉर्च्यूनर के नाम से जाना जाता है। दोनों गाड़ियों समान समय के लिए सूर्य की सीधी रोशनी में रखा जाता है। जिसके बाद काले रंग की गाड़ी के भीतर का तापमान 131 डिग्री तक बढ़ जाता है वहीं सफेद रंग की कार के भीतर का तापमान महज 113 डिग्री तक पहुंचता है।
काली गाड़ियों पर AC का असर: इतना ही नहीं इस वीडियो में ये भी दिखाया गया है कि जब दोनों गाड़ियों के AC को एक साथ समान समय के लिए चालू किया जाता है तो, काली रंग की कार के इंटीरियर का तापमान 91 डिग्री तक पहुंचता है जबकि सफेद गाड़ी के इंटीरियर का तापमान तकरीबन 84 डिग्री तक नीचे आ जाता है। इससे ये साफ है कि भयंकर गर्मी के मौसम में काली रंग की गाड़ियों में AC कम असर करता है।
माइलेज: गाड़ियों के हीट होने के चलते आपको ज्यादा AC चलाने की जरूरत पड़ती है, जिसका सीधा असर माइलेज पर भी पड़ता है। वहीं जब गाड़ी की बॉडी ज्यादा गर्म हो जाती है उसका फ्यूल टैंक भी काफी गर्म हो जाता है। ऐसे में ईंधन डेंसिटी हाई हो जाती है और गर्मी के कारण फ्यूल उड़ता भी है। ये भी गाड़ी के माइलेज पर असर डालता है।