Hindenburg Research Report से हुए खुलासों के बाद से ही गौतम अडाणी (Gautam Adani) के अडाणी ग्रुप (Adani group) के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है जिसके चलते दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में दूसरे नंबर से खिसकर टॉप 20 से भी बाहर हो चुके हैं।
अडाणी ग्रुप के शेयरों में आई गिरावट का नुकसान निवेशकों के साथ साथ उनकी आगामी परियोजनाओं और उन परियोजनाओं से जुड़े लोगों को भी होने वाला है जिसमें ईवी सेक्टर भी शामिल है। एयरपोर्ट मैनेजमेंट के बाद अडानी ग्रुप ऑटो सेक्टर में भी हाथ आजमाने की तैयारी कर चुका था जिसके लिए एसबी अडाणी ट्रस्ट (SB Adani Trust) ने जमीन और पानी में चलने वाले वाहनों के लिए ‘अडाणी’ नाम का इस्तेमाल करने के लिए ट्रेडमार्क भी हासिल कर लिया था।
ऑटो सेक्टर में गौतम अडाणी (Gautam Adani) ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स को अपनी व्यापारिक रणनीति का हिस्सा बनाने वाले थे लेकिन अब लग रहा है कि Hindenburg Research Report से हुए नुकसान के बाद अडाणी ग्रुप इस परियोजना से हाथ खींच लेगा क्योंकि कंपनी को महज एक सप्ताह के अंदर ही भारी नुकसान हुआ है।
अडाणी ग्रुप (Adani group) की क्या थी प्लानिंग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडाणी ग्रुप इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में एंट्री करने की योजना पर कार कर रहा है। इस योजना के मुताबिक पहले चरण में एसबी अडानी ट्रस्ट (SB Adani Trust) अडानी नाम का इस्तेमाल करने के लिए ट्रेडमार्क हासिल कर चुका है।
दूसरे चरण में इलेक्ट्रिक व्हीकल का निर्माण किआ जाएगा जिसमें कमर्शियल कोच, इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक ट्रक का निर्माण किया जाना है। तीसरे चरण में कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम आयन बैटरी के निर्माण करेगा जिसके लिए गुजरात या महाराष्ट्र में प्लांट लगाया जाएगा।
तीसरे चरण में कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए देश भर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की प्लानिंग कर रही है जिसकी शुरुआत में इसे प्रमुख मेट्रो सिटी में लगाया जाना था।
अडाणी ग्रुप (Adani group) रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर भी बनाएगा
इलेक्ट्रिक व्हीकल के निर्माण, इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी का निर्माण और इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाने के अलावा अडाणी ग्रुप रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर भी स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए रेवेन्यू शेयरिंग फॉर्मूले को आधार बनाकर देश के अलग अलग राज्यों में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए निजी कंपनियों को जमीन देने का प्रस्ताव दिया था।
केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए अडाणी ग्रुप ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अपनी एंट्री सुनिश्चित करते हुए गुजरात के मुंद्रा में अपने SEZ में एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने की प्लानिंग कर चुका है।
अडाणी ग्रुप (Adani group) की इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में एंट्री से बदलेगा खेल
अडाणी ग्रुप Hindenburg Research Report से हुए नुकसान के बाद अगर कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में एंट्री करता है तो ऑटो सेक्टर की सूरत तेजी से बदलेगी जिसमें अडाणी ग्रुप कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल मामले में सबसे बड़ा ग्रुप बनकर उभर रहा है। फिलहाल Adani group को हो रहे हालिया नुकसान को देखते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में एंट्री की परियोजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है।