केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्तमान वित्त वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर दस लाख रुपए करने की घोषणा की है। यह प्रावधान सकल घरेलू उत्पाद 3.3 फीसद है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस पहल से केंद्र सरकार द्वारा में स्थापित अवसंरचना वित्त सचिवालय की मदद से और निजी निवेश आकर्षित किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए एक विशेषज्ञ समिति की भी स्थापना की जाएगी जो अवसंरचना वर्गीकरण और वित्तीय रूपरेखा को अमृत काल के लिए उपयुक्त बनाने का काम करेगी। पिछले साल 13 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गतिशक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य साजो-सामान आपूर्ति लागत को घटाने के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास करना है।
इस प्रावधान पर केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वित्त मंत्री ने निर्माण क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है, इससे आने वाले समय में विश्वस्तरीय सड़क बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि इस बजट से आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार होगा और यह मध्यम वर्गीय परिवारों को भी राहत देता।
उन्होंने कहा कि नई गाड़ियों के लिए बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत बनाने वाला बजट है। नई गाड़ियां आने से प्रदूषण कम होगा और कबाड़ निपटान का काम भी बढ़ेगा।वर्ष 2017 18 में बजट का आबंटन 59636 करोड़ रुपए था। इसके बाद से ही इस प्रावधान में लगातार इजाफा किया जा रहा है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी कहा गया था कि बीते आठ साल में राजमार्ग के नेटवर्क में 55 फीसद का इजाफा हुआ है। यह धनराशि 2022 -23 में 199108 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी। हाल ही में जारी की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया था कि वर्ष 2016 में 6061 किलोमीटर की तुलना में 2022 के दौरान 10457 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण किया गया था।