बजट में स्वास्थ्य के लिए कुल आबंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.1 फीसद है। केंद्रीय बजट 2023-24 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 89,155 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं जो 2022-23 में आबंटित की गई 79,145 करोड़ रुपए की राशि की तुलना में लगभग 13 फीसद अधिक है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया और कहा कि 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कालेजों के साथ में 157 नए नर्सिंग कालेज स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2047 तक ‘सिकल सेल एनीमिया’ को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा। यह जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्ष आयु वर्ग के सात करोड़ लोगों की सार्वभौमिक जांच, और केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सहयोगी अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए सार्वजनिक और निजी मेडिकल कालेज के संकाय सदस्यों तथा निजी क्षेत्र की अनुसंधान और विकास टीम को अनुसंधान के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
आयुष मंत्रालय के लिए बजट आबंटन 28 फीसद की वृद्धि के साथ 2,845.75 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3,647.50 करोड़ रुपए कर दिया गया है। बजट में आबंटित 89,155 करोड़ रुपए में से 86,175 करोड़ रुपए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को आबंटित किए गए हैं, जबकि 2,980 करोड़ रुपए स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को आबंटित किए गए हैं।
नए वित्त वर्ष से, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) को दो उप-योजनाओं में विभाजित किया गया है। इसमें पहली खुद पीएमएसएसवाई है और दूसरी योजना 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित करने से संबंधित व्यय की है, जिसके लिए 6,835 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। वर्ष 2023-2024 के वास्ते प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लिए बजट आबंटन 3,365 करोड़ रुपए है।
केंद्रीय क्षेत्र की इन योजनाओं में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए बजट आबंटन 2022-23 के 28,974.29 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 29,085.26 करोड़ रुपए कर दिया गया है, और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के लिए यह 6,412 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7,200 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन-एनएचएम के लिए आबंटन 140 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 341.02 करोड़ रुपए कर दिया गया है। राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए बजट आबंटन 121 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 133.73 करोड़ रुपए कर दिया गया है। स्वायत्त निकायों के लिए बजट आबंटन 2022-23 के 10,348.17 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 17,322.55 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
स्वायत्त निकायों में, नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए आबंटन 4,400.24 करोड़ रुपए से घटाकर 4,134.67 करोड़ रुपए कर दिया गया है। आइसीएमआर के लिए आबंटन 2,116.73 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2,359.58 करोड़ रुपए कर दिया गया है।