इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने बजट में इस बार 66 फीसद अधिक धनराशि का प्रावधान किया है। बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आबंटन 66 फीसद बढ़ा दिया है और इस बार इस मद मे कुल 79000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस प्रावधान की बदौलत राज्यों और शहरों को शहरी नियोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बीते वित्त वर्ष में आवास योजना के लिए कुल 48 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया था। प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार की एक अहम योजना हैं। यह योजना वर्ष 2015 में शुरू की गई थी और इसके तहत देश में 31 मार्च 2022 तक दो करोड़ घर निर्माण का लक्ष्य रखा गया था।
सरकार की योजना के मुताबिक 2024 तक सभी को पक्के मकान उपलब्ध कराना है। ताजा प्रावधान से परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाई जा सकेगी। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि केंद्र सरकार शहरी आधारभूत अवसंरचना विकास कोष की तर्ज पर शहरी आधारभूत अवसंरचना विकास कोष की स्थापना करेगी तथा इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा। केंद्र सरकार ने शहरी आधारभूत अवसंरचना विकास कोष पर हर साल 10,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
शहरी अवसंरचना विकास निधि की स्थापना की जाएगी : वित्त मंत्री ने कहा कि देशभर में संपत्ति कर की व्यवस्था को सुधार लाकर और शहरी अवसंरचना पर प्रयोक्ता प्रभार लगाकर शहरों को म्युनिसिपल बांड के लिए अपनी ऋण प्राप्ति योग्यता में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी प्रकार शहरी अवसंरचना विकास निधि की स्थापना की जाएगी। इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा।
इसका प्रयोग दो या तीन स्तरीय शहरी संरचना के लिए सार्वजनिक एजंसियों द्वारा किया जाएगा। इसके तहत राज्यों को प्रयोक्ता प्रभार लागू करते वक्त 15 वें वित्त आयोग के अनुदान के साथ साथ मौजूदा स्कीमों में संसाधन जुटाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए दस हजार करोड़ प्रतिवर्ष की धनराशि उपलब्ध कराने की उम्मीद की गई है।