इस त्योहारी सीजन (Festive Season) में महंगाई की एक और मार झेलने के लिए तैयार हो जाइए। सरकार की ओर से मोबाइल कंपनियों को टैरिफ बढ़ाने (Mobile Tariff Increase) का ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। इसके बाद अब जल्दी ही दूरसंचार कंपनियां (Telecom Companies) अपना टैरिफ बढ़ा सकती हैं।
सरकार ने Tariff बढ़ाने के लिए दे दिया है ग्रीन सिग्नल
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के सीईओ रविंदर टक्कर (VIL CEO Ravinder Takkar) ने पीटीआई को दिए एक हालिया इंटरव्यू में इस ओर इशारा किया। टक्कर ने कहा कि दूरसंचार उद्योग लंबे समय से टैरिफ बढ़ाना चाह रहा था। सरकार के नए सुधार उपायों ने दूरसंचार उद्योग को इस बात का भरोसा दिया है कि टैरिफ बढ़ाए जा सकते हैं।
Vodafone Idea CEO: तीनों कंपनियां चाहती हैं Tariff बढ़ाना
टक्कर ने कहा कि दूरसंचार बाजार में अभी तीन कंपनियां रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ही बची हैं। तीनों कंपनियां चाहती हैं कि मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ें। एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की ओर से तो कई बार इस बारे में सार्वजनिक तौर पर बोला भी कहा गया है। टक्कर ने कहा कि सरकार के नए सुधारों ने बाजार में भरोसे की कमी की समस्या को दूर किया है। ऐसे में अब इंडस्ट्री टैरिफ बढ़ाना अफोर्ड कर सकती है। टैरिफ में जल्दी ही वृद्धि होगी और यह धीरे-धीरे होगी।
Tariff बढ़ने से आम लोगों की जेब पर होगा असर
यदि कंपनियां ऐसा करती हैं तो आपको जल्दी ही मोबाइल कॉल (Mobile Call Charges) से लेकर डेटा (Data Tariff) और एसएमएस (SMS Tariff) तक के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। आज के समय में लगभग हर आदमी मोबाइल का इस्तेमाल करता है। लोगों को डेटा की भी लत लग चुकी है। ऐसे में यदि कंपनियों ने मोबाइल सेवाओं के दाम बढ़ाए तो आम लोगों की जेबों पर बोझ पड़ना तय है।
आपको बता दें कि अभी भारतीय टेलीकॉम सेक्टर ने सरकारी बीएसएनएल (BSNL) और एमटीएनएल (MTNL) को छोड़ तीन ही कंपनियां बची हैं। घरेलू टेलीकॉम सेक्टर पिछले कई साल से संकटों से गुजर रहा है। एजीआर बकाये (AGR Dues) ने इंडस्ट्री की खराब हाल को और बिगाड़ दिया।
अभी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस जियो पहले पायदान पर है। लंबे समय तक भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में राज करने वाली भारतीय एयरटेल दूसरे पायदान पर खिसक गई है। अहम विलय के बाद सामने आई कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड बाजार में तीसरे स्थान पर है। हालांकि वोडाफोन आइडिया का प्रदर्शन सुधरने के बजाय लगातार बिगड़ता ही गया है।
इसे भी पढ़ें: मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने जुलाई में भी मारी बाजी, एक्टिव कनेक्शन में की एयरटेल की बराबरी
सरकार तीन टेलीकॉम कंपनियों के पक्ष में
हाल के कुछ मीडिया रपटों में यह बात भी सामने आई थी कि सरकार एजीआर बकाये की वसूली के लिए वोडाफोन आइडिया के कुछ शेयरों का अधिग्रहण कर सकती है।
वोडाफोन आइडिया के सीईओ ने इन कयासों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि सरकार बाजार में तीन कंपनियों के बने रहने के पक्ष में है।