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बजाज ऑटो ने कर्मचारियों को दी राहत, सैलरी काटने का फैसला लिया वापस, कहा- यह वक्त दिमाग से नहीं दिल से काम करने का है

कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया, ‘हमने यह फैसला लिया है कि यह ऐसा समय है, जब हमें दिमाग से ज्यादा दिल से काम करना चाहिए।’ कंपनी ने अपने इस फैसले के साथ कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है।

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देश की दिग्गज टू-वीलर और थ्री-वीलर कंपनी बजाज ऑटो ने बड़ा फैसला लेते हुए सैलरी कट के ऐलान को वापस ले लिया है। कंपनी के प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को भेजे गए मेल में कहा गया कि वह प्रस्तावित फैसले को लागू नहीं करेगी। बजाज ऑटो ने एंप्लॉयीज को भरोसा दिलाया है कि अप्रैल महीने की सैलरी में कटौती नहीं होगी और लॉकडाउन की पूरी अवधि के दौरान पूरी पेमेंट दी जाएगी। इससे पहले कंपनी ने सभी कर्मचारियों की सैलरी में 10 पर्सेंट की कटौती का फैसला लिया था। बजाज ऑटो ने कहा था कि कैश के संकट और बिजनेस ऑपरेशन ठप होने के चलते यह फैसला लिया गया है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने ल़ॉकडाउन की अवधि के दौरान कोई सैलरी न लेने का फैसला लिया है।

कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया, ‘हमने यह फैसला लिया है कि यह ऐसा समय है, जब हमें दिमाग से ज्यादा दिल से काम करना चाहिए।’ कंपनी ने अपने इस फैसले के साथ कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। हमारा बिजनेस हम सभी लोगों में से हर एक व्यक्ति पर निर्भर करता है। समाज के बड़े वर्ग के हित में काम करने से पहले यह जरूरी है कि पहले अपने लोगों को सुरक्षित किया जाए। हम जितने समय तक लोगों की मदद कर सकेंगे, उतनी करेंगे। हम नहीं चाहते कि कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले किसी वर्कर का बच्चा भी भूखा न रहे।

बता दें कि अप्रैल महीने में ऑटो सेक्टर में भीषण गिरावट देखने को मिली है। घरेलू बाजार में किसी भी तरह की कोई सेल नहीं हुई है। कारों से लेकर बाइक तक की बिक्री ठप रही। यही नहीं मैन्युफैक्चरिंग का काम तो मार्च के आखिरी सप्ताह से ही ठप है। इसके चलते कई ऑटो कंपनियों ने कॉस्ट कटिंग का फैसला लेते हुए तमाम कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी कटौती की है। गौरतलब है कि एक सर्वे के मुताबिक देश के 54 फीसदी लोगों की कमाई लॉकडाउन के चलते घट गई है, जबकि 67 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपने खर्च में कटौती कर दी है। इसके चलते अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।

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First published on: 04-05-2020 at 13:21 IST
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