बुरी तरह से कर्ज में डूबे अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की कंपनियां एक-एक करके बिकती जा रही हैं। अब अनिल अंबानी की एक और कंपनी बिक गई है। अब जो कंपनी बिकी है उसका नाम रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस (आरसीएफ) है।
जानकारी के मुताबिक, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस को कर्ज देने वालों ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत समाधान योजना को मंजूरी दे है। कर्ज देने वालों ने ऑथम इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को सफल बोलीदाता के रूप में चुना है। रिलायंस कैपिटल ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि ऑथम इन्वेस्टमेंट रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस का 1629 करोड़ रुपए में अधिग्रहण करेगा।
रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी है आरसीएफ: रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड की सब्सिडियरी है। रिलायंस कैपिटल ने शेयर बाजार को बताया कि कर्ज देने वालों ने एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के तहत ऑथम इनवेस्टमेंट को आरसीएफ के अधिग्रहण के लिए सफल बोलीदाता के रूप में चुना। इस प्रक्रिया को कर्ज देने वालों और बोली लगाने वालों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद पूरा किया गया है।
छोटे कारोबारियों को लोन देती है आरसीएफ: अनिल अंबानी की कंपनी आरसीएफ लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी, एमएसएमई-एसएमई लोन, इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंशिंग, एजुकेशन लोन और माइक्रो फाइनेंसिंग से जुड़ा कारोबार करती है। रिलायंस कैपिटल ने कहा है कि आरसीएफ को खरीदने के लिए कुल 18 कंपनियों ने बोली लगाई थी। इसमें से चार कंपनियों को अंतिम बोली लगाने के लिए चुना गया था। यह पूरी बिक्री प्रक्रिया बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व में हुई है। आरसीएफ की बिक्री के साथ ही रिलायंस कैपिटल कर्जमुक्त कंपनी बन जाएगी। रिलायंस कैपिटल पर 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज था।
ऑथम इन्वेस्टमेंट ने अनिल अंबानी की दूसरी कंपनी खरीदी: ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ऐसी कंपनी है जिसने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की दूसरी कंपनी को खरीदा है। पिछले महीने भी रिलायंस होम फाइनेंस की समाधान प्रक्रिया में भी ऑथम इन्वेस्टमेंट की बोली को चुना गया था। ऑथम इन्वेस्टमेंट 15 साल पुरानी घरेलू नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) है। जून 2021 में ऑथम इन्वेस्टमेंट की नेटवर्थ 2400 करोड़ रुपए थी।