दूरसंचार उपकरण बनाने वाली स्वीडन की कंपनी एरिक्सन ने सरकार से भारत में स्पेक्ट्रम की कीमत में कमी लाने की अपील की है। ये वही कंपनी है, जिसकी वजह से अनिल अंबानी को जेल जाने की नौबत आ गई थी।
क्या था मामला: दरअसल, एरिक्सन ने 2014 में अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए 7 साल की डील की थी। इस डील में आरकॉम पर एरिक्सन का करीब 1100 करोड़ का बकाया हो गया था। इस बकाये रकम को वसूलने के लिए एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने भी एरिक्सन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अनिल अंबानी को बकाया चुकाने के लिए कहा लेकिन आरकॉम समय पर तय राशि देने में नाकाम रही।
इसके बाद एरिक्सन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी समेत उनके दो डायरेक्टरों को अवमानना का दोषी माना और चार सप्ताह की मोहलत दी। इसके साथ ही कोर्ट ने चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने करने की स्थिति में उन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है। बिगड़ते हालात को देखते हुए बड़े भाई मुकेश अंबानी ने अनिल की मदद की। इसी के साथ मुकेश अंबानी ने छोटे भाई अनिल अंबानी को जेल जाने से बचा लिया।
अनिल अंबानी ने बोला-धन्यवाद
इस मामले में मदद के लिए अनिल अंबानी ने बड़े भाई मुकेश अंबानी और भाभी नीता अंबानी को धन्यवाद किया। अनिल अंबानी ने कहा था कि भइया और भाभी ने परिवार के मजबूत मूल्यों और परिवार के महत्व को रेखांकित किया है।
अब एरिक्सन चर्चा में: स्वीडन की कंपनी एरिक्सन ने सरकार से भारत में स्पेक्ट्रम की कीमत में कमी लाने का आग्रह किया है। साथ ही कंपनी ने सर्विस प्रोवाइडर्स को उपलब्ध कराने के लिये प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। बता दें कि भारत में 2012 से 2016 के दौरान हर साल स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई। लेकिन पिछले चार साल से स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं हुई है। सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है लेकिन बिक्री शुरू होने की समयसीमा के बारे में जानकारी नहीं दी है।