अमेरिकी दिग्गज कंपनी अमेजन और रिलायंस के बीच फ्यूचर रिटेल स्टोर्स को लेकर लड़ाई अब जनता के बीच आ गई है। आज मंगलवार को अमेजन की तरफ से देश के सभी बड़े अखबारों में विज्ञापन के जरिए मुकेश अंबानी की रिलायंस और फ्यूचर पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। जिसके बाद अब अमेजन और रिलायंस के बीच रिटेल स्टोर्स को लेकर चल रही जंग अब और बढ़ती हुई नजर आ रही है।
रिलायंस ने रिटेल स्टोर्स पर किया कब्जा : रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने 25 फरवरी को फ्यूचर रिटेल द्वारा लीज के किराए का भुगतान नहीं करने पर करीब 200 रिटेल स्टोर्स को अपने कब्जे में ले लिया था। इन स्टोर्स को कब्जे में लेने के बाद रिलायंस की तरफ से कहा गया था कि किराए का भुगतान नहीं करने पर वह 250 और फ्यूचर रिटेल स्टोर्स को अपने कब्जे में लेने की तैयारी कर रहा है। फ्यूचर रिटेल के देश में 1700 से अधिक रिटेल स्टोर्स है।
अमेजन के द्वारा दिए गए विज्ञापन का शीर्षक ‘पब्लिक नोटिस’ है जिसमें रिटेल स्टोर्स पर कब्जे को लेकर कहा गया कि “भारत में संवैधानिक अदालतों के साथ धोखाधड़ी करके ये कार्य गुपचुप तरीके से किए गए हैं” फिलहाल अमेजन के इस विज्ञापन पर रिलायंस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इस मामले से संबंधित सूत्रों का कहना है कि समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों का उद्देश्य फ्यूचर के ऋणदाताओं सहित सभी हितधारकों को सचेत करना है कि फ्यूचर द्वारा रिलायंस को संपत्ति का हस्तांतरण गैर कानूनी है।
रिलायंस – फ्यूचर की डील: रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने फ्यूचर ग्रुप से उसका रिटेल कारोबार 29 अगस्त 2020 को 24,713 करोड़ रुपए में खरीदा था। इस डील के तहत फ्यूचर रिटेल का खुदरा व थोक व्यापार, लॉजिस्टिक और वेयरहाउस वर्टिकल व्यापार रिलायंस के द्वारा खरीदा गया था।
इस सौदे पर अमेजन ने आपत्ति जताते हुए कहा था फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक कंपनी फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड में एक साल पहले ही वह 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद चुका है और बिना उसकी मर्जी के फ्यूचर रिटेल अपना कारोबार रिलायंस को नहीं बेच सकता है। फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर कूपन की हिस्सेदारी 7 फीसदी है।