एयर इंडिया मे सैलरी कटौती का संकट बरकरार, हिस्सेदारी बेचने वाली है सरकार
एयर इंडिया के कर्मचारी एक निजी इक्विटी कंपनी के साथ मिलकर नीलामी में बोली लगाने की तैयारी कर रहे हैं।

सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया में सैलरी कटौती का संकट अभी बरकरार है। ऐसे में एयर इंडिया के पायलट निकायों इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने अपने सदस्यों से एयरलाइन के विनिवेश प्रक्रिया में भाग नहीं लेने को कहा है।
आईपीजी और आईसीपीए ने संयुक्त संदेश में सदस्यों से कहा कि अन्य एयरलाइन कंपनियों ने पायलटों के वेतन बढ़ा दिया है, लेकिन एयर इंडिया ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। यह संदेश ऐसे समय में आया है जब खबरें आ रही हैं कि एयर इंडिया के कर्मचारी एक निजी इक्विटी कंपनी के साथ मिलकर नीलामी में बोली लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
इसके लिये कर्मचारियों को एक-एक लाख रुपये देने को कहा गया है। योजना के मुताबिक कुल 51 फीसदी हिस्सेदारी कर्मचारियों के पास रहेगी। जबकि अन्य निवेशकों को 49 फीसदी हिस्सा मिलेगा।
आपको बता दें कि करीब 90 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में दबी एयर इंडिया में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने वाली है। इसके लिए लंबे समय से सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिये बोली लगाने की आखिरी तारीख 14 दिसंबर है। वहीं, 28 दिसंबर को बोलियां खोली जाएंगी। बीते अक्टूबर महीने में एयर इंडिया के निविदाएं आमंत्रित करने के नियमों में भी फेरबदल किया गया था।
अब बोलियों को उद्यम मूल्य पर आमंत्रित किया जा रहा है। विमानन मंत्रालय के मुताबिक कोरोना संकट की वजह से परिस्थितियों में काफी बदलाव आए हैं, जिसको देखते हुए शर्तों में बदलाव करने का फैसला लिया गया है। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वालों में टाटा समूह भी है। टाटा समूह के पास पहले भी एयर इंडिया का स्वामित्व रहा है।
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