पोर्ट (Port) हो या एयरपोर्ट (Airport), सरसों तेल हो या बिजली, अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियां हर जगह मौजूद हैं। इस कामयाबी के पीछे गौतम अडानी (Gautam Adani) के मोल-भाव करने और सौदा पटाने की स्किल का अहम रोल है। ऐसा ही एक वाकया है उडुपी पावर प्लांट (Udupi Power Plant) का। अडानी ने छह हजार करोड़ रुपये के इस सौदे को छह दिन से भी कम समय में अपने नाम कर लिया था।
नदी और समुद्र से निकटता Udupi Power Plant को बनाती है खास
कर्नाटक के उडुपी जिले (Udupi District) में स्थित यह पावर प्लांट समुद्र के पास होने के कारण खास हो जाता है। यह पावर प्लांट समुद्र तट से महज सात-आठ किलोमीटर दूर है। येल्लुर गांव में बने इस पावर प्लांट के पास से ही शांभवी नदी (Shambhavi River) भी बहती है। बगल में नदी और नजदीक में ही समुद्रतट होने से इस पावर प्लांट के लिए परिवहन सुगम हो जाता है। समुद्र के रास्ते न सिर्फ यहां आसानी से बिजली उत्पादन के लिए कोयला पहुंचाया जा सकता है, बल्कि इससे लागत भी कम आती है। नदी पास होने से बिजली उत्पादन के लिए पानी भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
उडुपी पावर प्लांट अभी 1200 मेगावाट (1200 MV) बिजली का उत्पादन करता है। इसमें 6-6 सौ मेगावाट क्षमता के दो यूनिट लगे हुए हैं। सितंबर 2012 से परिचालन कर रहे इस पावर प्लांट पर कई दिग्गजों की निगाहें थीं। इसकी विशिष्ट स्थिति इसे आकर्षक सौदा बनाने के लिए काफी थी।
100 घंटे में Adani ने पटा लिया था सौदा
यहीं एंट्री होती है सौदा पटाने और मोल-भाव करने में माहिर गौतम अडानी की। सभी जानते हैं कि अडानी की कंपनियां बिजली उत्पादन और आपूर्ति में काफी सक्रिय हैं। निजी क्षेत्र में सबसे अधिक बिजली अडानी की कंपनियां ही बनाती हैं।
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट की मानें तो अडानी को उडुपी पावर प्लांट का सौदा पटाने में 100 घंटे बमुश्किल लगे। यानी अडानी ने 4-5 दिन में ही छह हजार करोड़ रुपये में उडुपी पावर प्लांट खरीदने का सौदा तय कर लिया। अगस्त 2014 में सौदा तय होने की घोषणा हो गई और अडानी ने अप्रैल 2015 से इस पावर प्लांट को अपने हाथों ले लिया।
पावर प्लांट में दो नए यूनिट बना रहा है Adani Group
अडानी समूह अभी इस पावर प्लांट पर 8-8 सौ मेगावाट के दो यूनिट बनाने पर काम कर रहा है। इन दोनों यूनिट के तैयार होने के बाद यह पावर प्लांट देश के सबसे बड़े प्लांट में से एक हो जाएगा। तब इसकी कुल क्षमता 2800 मेगावाट की हो जाएगी।
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Udupi Power Plant का भी विवादों से नाता
अब अडानी कहीं मौजूद हों, तो वहां विवाद खड़े हो ही जाते हैं। यह पावर प्लांट भी विवादों से अछूता नहीं है। इस पावर प्लांट को जहां बनाया गया है, वह एरिया कुद्रेमुख नेशनल पार्क (Kudremukh National Park) के अंदर आता है। यह पार्क कभी शेर जैसी पूंछ वाले बंदरों की प्रजाति Wanderoo (Lion Tailed Macaque) का मुख्य ठिकाना था। अभी भी यहां कई विलुप्तप्राय वन्यजीव रहते हैं। पर्यावरण से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह पावर प्लांट ऐसी प्रजातियों के अस्तित्व के लिए जोखिम खड़ा कर सकता है।