अच्छी खबर, आज से Jan Aushadhi Kendras पर सिर्फ 1 रुपये में मिलेंगे सैनिटरी पैड्स
27 अगस्त यानी आज से सेनिटरी नैपकिन सिर्फ एक रुपये में मिलेगा। अब तक एक सेनिटरी पैड की कीमत 2.50 रुपए थी लेकिन आज से महिलाएं इसे सिर्फ 1 रुपए में खरीद सकती हैं।

केंद्र सरकार ने महिलाओं के हाइजीन और हेल्थ को ध्यान में रखते हुए एक अहम निर्णय लिया है। दरअसल, सरकार ने महिलाओं की स्वच्छता को बढ़ावा देने के जनऔषधि केंद्रों पर मिलने वाले सेनिटरी नैपकिन की कीमतों में कमी की है। 27 अगस्त से सेनिटरी नैपकिन सिर्फ एक रुपये में मिलेगा। इन केंद्रों पर अब तक एक सेनिटरी पैड की कीमत 2.50 रुपए थी लेकिन आज से महिलाएं इसे सिर्फ 1 रुपए में खरीदा जा सकता है। ऐसे में पहले जो चार पैड वाला एक पैकेट 10 रुपए में मिलता था लेकिन दाम घटने के बाद अब इसे महज 4 रुपए में मिलेगा। महिलाओं के हित में लिया गया यह फैसला बाकई सराहनीय है। रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन की ‘सुविधा’ 27 अगस्त से नामित केंद्रों पर रियायती मूल्य पर उपलब्ध होगी।
दाम की कीमतों को कम करते हुए मांडवीय ने कहा कि नैपकिन के दाम में 60 फीसदी की कटौती करके मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनावों में किया गया अपना वादा पूरा किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मैन्युफैक्चरर्स हमें उत्पादन मूल्य पर ही सैनिटरी नैपकिन मुहैया करा रहे हैं। इसलिए हम रिटेल प्राइस कम करने के लिए सब्सिडी देंगे। बता दें कि एक रुपए वाले सेनिटरी पैड देशभर में 5500 जनऔषधि केंद्र खुले हैं।
केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने बताया कि, पिछले एक जनऔषधि स्टोर से करीब 2.2 करोड़ सेनेटरी नैपकिन बेचे गए थे। उन्होंने कहा कि कीमतों में कमी के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि बिक्री में दो गुना से अधिक की वृद्धि होगी। हम गुणवत्ता, सामर्थ्य और पहुंच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’ सरकार के इस फैसले से महिलाएं काफी खुश हैं। सस्ते सैनिटरी नैपकिन योजना की घोषणा मार्च, 2018 में हुई थी और मई से इन पैड्स को जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाने लगा था। अब देश की तमाम महिलाएं सस्ते पैड की खरीद कर खुद को बीमारियों से बचा रही हैं।
मंत्री ने ऐसा करने के पीछे सरकार का उद्देश्य भी बताया। उन्होंने कहा कि नैपकिन का औसत बाजार मूल्य 6-8 रुपए के बीच हो तो देश की महिलाएं सशक्त बनेंगी। मंत्री का कहना है कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी कि इन सब्सिडी वाले सैनिटरी नैपकिन का डायवर्जन न हो।