यूनियन बजट 2017: कब आएगा, कैसे देख सकेंगे लाइव, कौन पेश करेगा, क्या है ख़ास… जानिए
93 साल बाद रेल बजट अलग से पेश नहीं होगा। साथ ही बजट 28 फरवरी के बजाय एक फरवरी को पेश हो रहा है।

कब आएगा आम बजट 2017 : आम बजट एक फरवरी 2017 को वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में पेश करेंगे। इसकी प्रक्रिया राष्ट्रपति के भाषण के बाद शुरू हो गई है। बजट सत्र की शुरूआत में 31 जनवरी को राष्ट्रपति ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। संविधान के तहत राष्ट्रपति हर सत्र की शुरुआत में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हैं।
इस बार के बजट में क्या है खास : इस बार बजट सत्र में दो नई बातें होंगी। 93 साल बाद रेल बजट अलग से पेश नहीं होगा। साथ ही बजट 28 फरवरी के बजाय एक फरवरी को पेश हो रहा है। आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद सरकार यह बजट पेश कर रही है।
कहां देख सकते हैं बजट : दूरदर्शन के सभी चैनल वित्त मंत्री के बजट भाषण का लाइव प्रसारण करेंगे। बजट को लगभग सभी हिंदी और अंग्रेजी न्यूज चैनलों पर सुबह 11 बजे से देख सकते हैं। क्योंकि बजट भाषण अंग्रेजी में होता है तो हिन्दी न्यूज चैनलों पर इसे वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण के साथ साथ ही हिंदी में भी दिखाया जाएगा।
कौन बनाता और कैसे बनता है बजट : बजट को बनाने में वित्त मंत्रालय नीति आयोग और शासकीय व्यय से जुड़े मंत्रालय शामिल होते हैं। वित्त मंत्रालय की गाइडलाइंस के आधार पर ही और मंत्रालय अपनी डिमांड रखते हैं। डिपार्टमेंट अॉफ इकोनॉमिक अफेयर्स का एक विभाग बजट बनाने से जुड़ी नोडल बॉडी है। बजट प्रक्रिया सितंबर से ही शुरू हो जाती है। सबसे पहले सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों से उनकी डिमांड पूछने के लिए एक सर्कुलर जारी किया जाता है। इसमें सभी अपने खर्चों और जरुरतों की जानकारी देते हैं। उसके बाद वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर की मंत्रालयों व विभागों के साथ गहन सलाह मशविरा होता है। इसके बाद एक्सपर्ट्स की सलाह ली जाती है। इसके बाद टैक्स के प्रपोजल पर वित्त मंत्री आखिरी फैसला लेते हैं। बजट का आखरी मसौदा तय करने से पहले इस पर पीएम की राय भी ली जाती है।
बजट पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट: जेएनयू में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर जयति घोष का मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने फैसलों से इस बजट को और मुश्किल बना लिया है। उनकी राय में बजट पेश करने का समय 28 दिन पहले करना सही नहीं है। कहा जा रहा है कि ये इसलिए किया जा रहा है ताकि इसमें की गयी संस्तुतियों को दो महीने बाद एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होने तक वैधानिक मंजूरी मिल जाए। जयति घोष का कहना है कि ये बात तार्किक लगती है लेकिन सामान्य वर्षों में भी समय से पहले बजट पेश करने से कई मुश्किलें आ सकती हैं। ये मुश्किलें राजनीतिक दलों द्वारा व्यक्त की गयी चिंताओं से इतर हैं। (पढ़ें उनका आंकलन)
कौन पेश करता है बजट: केन्द्रीय बजट केंद्रीय वित्त मंत्री पेश करता है। इस बार यह काम अरुण जेटली करेंगे। इस सरकार में वह तीसरा पूर्ण बजट पेश करेंगे।
कौन हैं अरुण जेटली: अरुण जेटली देश के वित्त मंत्री हैं। लगभग एक दशक पहले भी वह एनडीए सरकार में व्यापार और कानून मंत्री रह चुके हैं। वित्त मंत्रालय के अलावा उनके पास कॉर्पोरेट मंत्रालय का भी कार्यभार है। 1989 में वीपी सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान वह एडिशनल सोलिसीटर जनरल भी रह चुके हैं। भाजपा के पुराने नेता अरुण जेटली सन 2000 से राज्य सभा सदस्य रहे हैं और 1999 से ही कई मंत्री पदों पर रह चुके हैं। 2014 में वह लोकसभा चुनाव भी लड़े थे, पर जीत नहीं सके।


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