सोना-चांदी खरीदने वालों पर नजर रखने के लिए मोदी सरकार बजट में ला सकती है यह कड़ा प्रावधान
उम्मीद की जा रही है कि सरकार की ओर से यह कदम नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर काले धन के तौर पर मौजूद 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को जूलरी, बुलियन और रियल एस्टेट में बदलने के कारण लिया गया है।

आगामी बजट में बड़ी घोषणा होने के कयास लगाए जाने के बीच उम्मीद की जा रही है सरकार एक निश्चित रकम से ज्यादा का सोना खरीदने पर पैन कार्ड या आधार की जानकारी देने का नियम लागू कर सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक सरकार बुधवार को पेश किए जाने बजट 2017 में 50000 रुपए से ज्यादा का सोना खरीदने पर पेन कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य कर सकती है। फिलहाल केवाईसी नियमों के तहत 2 लाख रुपए से ज्यादा की खरीदी पर यह नियम लागू था। यानी कि दो लाख रुपए से ज्यादा का सोना खरीदने पर आपको यह जानकारी देनी होती थी। सरकार इस सीमा को 2 लाख रुपए से घटाकर 50,000 रुपए कर सकती है।
उम्मीद की जा रही है कि सरकार की ओर से यह कदम नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर काले धन के तौर पर मौजूद 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को जूलरी, बुलियन और रियल एस्टेट में बदलने के कारण लिया गया है। कुछ ज्वैलर्स का भी मानना है कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों के एक्सचेंज में सोने और चांदी में किया गए निवेश से इंडस्ट्री की ख्याति को नुकसान पहुंचा है। नोटबंदी के फैसले की घोषणा के बाद बिक्री में वृद्धि को ध्यान में रखते इनकम टैक्स, प्रवर्तन निदेशालय और डिपॉर्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस जैसे नियामक पहले से ही डीलर्स और ज्वैलर्स के ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
कुछ विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सरकार गोल्ड खरीदारी के लिए पैन कार्ड या आधार कार्ड दिखाने की लिमिट को 1 लाख रुपए कर सकती है। गौरतलब कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद खबरें आई थी कि देश के कई हिस्सों में रातभर दुकानें खुली रही और लोगों ने पुराने 500 और 1000 रुपए के नोटों के जरिए जमकर सोने और चांदी में खरीददारी की। इस कारोबार से जुड़े लोगों का कहना था कि विक्रेताओं और ट्रेडर्स ने इसके जरिए बहुत मुनाफा कमाया।
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