बेबाक बोल
कांग्रेस के साथ दो बड़ी दिक्कत दिख रही है। सवर्णों का वोट बैंक पूरी तरह से भाजपा में हस्तांतरित हो चुका है। ऐसे में...
सामूहिक असंतोष से निकले संघर्ष से पैदा हुए थे श्रीकृष्ण सिंह जिन्होंने नमक सत्याग्रह का रास्ता तैयार किया था। नमक की लड़ाई से तपा...
केंद्र की सत्ता का ताला आज भी उत्तर प्रदेश और बिहार की चाबी से खुलता है। इन दोनों राज्यों की सीटें उस जादुई आंकड़े...
भिखारी ठाकुर को अपनी जीविका के लिए कलकत्ता जाना पड़ा था। कलकत्ता यानी तब का विदेश। एक बिहारी को ‘बिदेशिया’ और ‘बिरहा’ बनाने वाली...
जगजीवन राम जैसे जुझारू नेता की जमीन को खाली छोड़ दिया गया। सीताराम केसरी का नाम भी किसी की जुबान से नहीं निकलता। कांग्रेस...
कांग्रेस से लेकर बसपा तक का उदाहरण है कि सांगठनिक ढांचे को बर्बाद कर चुके राजनीतिक दल अपने हित समूहों को खो देते हैं।...
जब आप बिहार में वर्दीवाला राजनेता पर चुप थे तो एक बार उत्तर प्रदेश में देख लीजिए कि आखिर किस तरह मजबूत जाति के...
बीसवीं सदी के अंत के साथ कांग्रेस शिक्षा से लेकर खेती को बाजार के हवाले करने के लिए कई तरह के कानून बनाने की...
सत्ता के अहंकार में आसमानी घमंड से झूम रही पार्टी को वही संगठन जमींदोज कर सकता था जो पिछले तीन दशकों से जल, जंगल,...
जिस कोरोना को वुहान की देन समझ हम चीन को कोस रहे थे, वित्त मंत्री ने उसे भगवान की देन बता दिया। उस भगवान...
हारने वाले के साथ खड़े रहने की नैतिकता हासिल करने के लिए किसी वरदान की जरूरत नहीं होती। लेकिन नैतिकता तभी ताकत बन पाती...
किसी भी जटिल समय में खास तरह की पक्षधरता की जरूरत पड़ती है। हर कालखंड उम्मीद करता है कि उसमें बदलाव की लकीर खींचने...
कृष्ण के युद्धनायक वाले शासकीय और राजकीय रूप को आधुनिक सरकारों ने जितना भी भुनाने की कोशिश की हो लेकिन आज भी लोक के...
दुनिया में जहां भी लोकतंत्र के लिए ललक पैदा हुई उसका इतिहास बताता है कि वहां न सिर्फ राजशाही रही बल्कि एक ऐसा राजा...
अयोध्या में राम मंदिर की बुनियाद रखे जाने के साथ भारतीय राजनीतिक, सांस्कृतिक व सामाजिक इतिहास का एक बड़ा अध्याय निर्णायक मोड़ पर पहुंच...
अमरत्व के अमृत पर पूरी दुनिया की सभ्यता अपने हिसाब से मंथन कर मृत्यु से पार पाने की कोशिश करती है। लेकिन महाभारत दुनिया...
मानव जीवन के संघर्ष के हर पहलू को उजागर करने के कारण आधुनिक रंगमंच की दुनिया में भी महाभारत के पात्र पहली पसंद रहे...
प्राचीनकाल से ही दुनिया भर के शासक वर्ग को इस बात का अहसास रहा है कि किसी भी तरह का युद्ध आधा तो मनोवैज्ञानिक...
- « Previous
- 1
- 2
- 3
- …
- 10
- Next »