बेबाक बोल
‘मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता’ या ‘मेरे पास मां है’। इन शब्दों को लिखा किसी और ने लेकिन इनसे पहचान उनकी...
अक्षरों के छापेखाने से निकलने के बाद से हर समय को लगता है कि उसे किताबों की जरूरत सबसे ज्यादा है। हर आगे निकलते...
आम लोगों के साथ संगठित होकर बदलाव का मंच तैयार किया गया। तब जंतर मंतर पर नारा गूंज रहा था ‘मुझे चाहिए स्वराज’। आज...
गुजरात विधानसभा के चुनाव 2019 के आम चुनाव को ध्यान में रख कर लड़े गए। राजनीतिक विश्लेषक दावा करते रहे कि इस चुनाव के...
2014 में 2-जी पर एजी, ओजी हो रहा था। घोटालेबाजों पर अण्णा और केजरीवाल जिस तरह दहाड़े उससे निकले वोट नरेंद्र मोदी की अगुआई...
अगर चुनावी सर्वेक्षण गुजरात के जनादेश में तब्दील होते हैं तो विपक्षी दलों को यह सोचना होगा कि विकल्प के अभाव में संकल्प होता...
कन्हैया कुमार, हार्दिक पटेल, रोहिंग्या पक्ष, राम मंदिर विपक्ष, लव जेहाद पक्ष, तीन तलाक पक्ष, और कांग्रेस का बड़ा नेता कपिल सिब्बल....। छह दिसंबर...
हम संजय लीला की अभिव्यक्ति की आजादी के लिए आवाज बुलंद करने वालों के साथ खड़े होंगे कि उन्होंने अपने दायरे में जो रचा...
राजतंत्र के अवशेष देखने और समझने के लिए भारतीय राजनीतिक दलों के लोकतंत्र से बेहतर कुछ नहीं है। भारतीय जनता पार्टी जैसी काडर आधारित...
नवउदारवादी नीतियों के नतीजों से बढ़े भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी का हल खोजने में कांग्रेस नाकाम हुई तो जनता ने सब कुछ बदल देंगे जैसे...
बजरिए जंतर मंतर और रामलीला मैदान, नए मिजाज के मध्यवर्गीय तबके के समर्थन से जनलोकपाल का नारा लगाते हुए आम आदमी पार्टी का गठन...
प्रचंड बहुमत से आई मोदी सरकार के कार्यकाल में 8 नवंबर मील का पत्थर साबित हो गया है। सरकार इसे कालाधन के खिलाफ सबसे...
साम-दाम-दंड-भेद...। जिस गुजरात में 22 साल से आपका तिलिस्म चल रहा, वहां आपको ये चारों हथियार क्यों इस्तेमाल करने पड़ गए?
सोशल मीडिया पर पिछले कुछ सालों से एक खास दिन अमिताभ और रेखा से जुड़े संवादों के बीच सिंहासन खाली करो कि जनता आती...
पेट्रोल से उत्पाद शुल्क कम किया गया, हनीप्रीत पकड़ ली गई, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ‘राष्टÑवादी कुलपति’ की विदाई हुई और विजय माल्या की...
प्रधानमंत्री जी बहुत-बहुत शुक्रिया। अपनी सरकार में मार्गदर्शक मंडल बनाने के लिए।
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