कार के महत्वपूर्ण फीचर्स में से एक होती है वॉर्निंग लाइट्स जो न सिर्फ चालक की सहूलियतों के लिए होती हैं बल्कि गाड़ी की हेल्थ के बारे में भी समय रहते अपडेट करती हैं। ऑयल चेंज, पेंट वैक्स और इंटीरियर वैक्यूमिंग बुनियादी चीजें हैं जबकि ये वॉर्निंग लाइट्स थोड़ी अधिक महत्वपूर्ण हैं। यहां जानें आपकी कार में मिलने वाली अलग अलग वार्निंग लाइट्स की कंप्लीट डिटेल।
सीटबेल्ट वॉर्निंग लाइट
यह संभवत सबसे आम आइकन है जो स्पीडोमीटर कंसोल पर दिखाई देता है और जब कार चल रही होती है तो ड्राइवर या यात्री को बेल्ट नहीं लगाने पर यह वार्निंग लाइट्स ऑन होती है और अधिकतर इस अलर्ट के साथ एक बीप की ध्वनि भी शामिल होती है।
ओपन डोर अलर्ट लाइट
कार में बैठते समय कई बार दरवाजा ठीक से बंद नहीं हो पाता है जिसके चलते कई बार खतरनाक हादसे हो जाते हैं। इस समस्या को देखते हुए कार कंपनियों द्वारा कार में ओपन डोर अलर्ट लाइट दी जाती है जिसके साथ बीप की आवाज भी आती है। ये ओपन डोर अलर्ट कार के चारों दरवाजों के साथ साथ टेल गेल के लिए भी मिलता है।
एबीएस और हैंड ब्रेक अलर्ट लाइट
यह अलर्ट लाइट वॉर्निंग तब आती है जब कार के एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) में खराबी होती है। हालांकि रेगुलर ब्रेकिंग इससे प्रभावित नहीं होती है, लेकिन इसकी जांच कराने की सलाह दी जाती है। हैंडब्रेक छोड़ने के बाद हैंडब्रेक लाइट बंद हो जानी चाहिए लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह ब्रेकिंग सिस्टम में खराबी का संकेत देता है।
ज्यादा सीरियस वार्निंग लाइट अलर्ट में से एक है इंजन मैनेजमेंट में होने वाली खराबी जिसमें कार के इंजन में खराबी होने पर इंजन वार्निंग लाइट दिखाई देती है। लाइट को रीसेट करने के लिए, इस समस्या की जांच के लिए एक सॉल्यूशन टूल की जरूरत होती है।
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम
कुछ कारें टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (टीएमपीएस) के साथ आती हैं और यह आइकन तब दिखाई देता है जब किसी एक टायर में एयर प्रेशर कम या पंचर होता है। टायर एयर प्रेशर की खराब के चलते कई बार गंभीर परिस्थिति बन जाती हैं इसलिए इस वॉर्निंग लाइट अलर्ट को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।