
मौसम विभाग कार्यालय ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सेब, नाशपाती, बेर और आड़ू के बागों के साथ-साथ मध्य प्रदेश…
बावड़ियां ऐतिहासिक दृष्टि से तो महत्त्वपूर्ण हैं ही, अगर उन्हें उचित संरक्षण मिले तो वे वर्षा जल संचय और भूजल…
कथित विकास के नाम पर अधिकांश परंपरागत जल स्रोतों को तोड़ दिया गया।
गर्मी के मौसम के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से जल संकट की खबरें सामने आने लगती हैं।
देश के अनेक हिस्सों में तालाबों की दुर्दशा से जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है।
जल संकट को लेकर समय-समय पर अध्ययन होते रहते हैं और हर नया अध्ययन एक नई चिंता लेकर आता है।
मानसून एक अवसर है। भारत में हर साल औसतन एक सौ पच्चीस सेंटीमीटर बारिश होती है। इसमें से पचहत्तर प्रतिशत…
पृथ्वी पर उपस्थित कुल जल का मात्र एक फीसद जल ही उपयोगी है। इस एक फीसद जल पर दुनिया की…
जल संकट के कारण पैदा होने वाली सभी अप्रिय घटनाओं से बचने का एक ही मंत्र है कि हम वर्षा…
हमारे यहां पारंपरिक तरीकों में नहरों और नलकूपों से पाइप लाइन बिछा कर खेतों की सिंचाई की जाती है। लेकिन…